Sawan 2025: सावन का महीना शिव और पार्वती की आराधना के लिए विशेष महत्व रखता है. विशेष रूप से महिलाओं के लिए ये महीना बहुत खास होता है. इस दौरान वो पति की लंबी आयु, संतान सुख और अखंड सौभाग्य की कामना से व्रत और पूजन करती हैं. सावन सोमवार के साथ-साथ मंगला गौरी व्रत का भी विशेष महत्व है. तो आइए जानते हैं कि सावन में महिलाओं को कौन-कौन से उपाय करने चाहिए?
पार्थिव शिवलिंग की पूजा करें
सावन में पार्थिव (मिट्टी से बने) शिवलिंग की पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है. महिलाएं जल, पंचामृत, बेलपत्र, भांग, धतूरा और भस्म आदि से शिवजी का अभिषेक करें. ऐसा करने से शिवजी जल्दी प्रसन्न होते हैं और पति की दीर्घायु और संतान सुख का आशीर्वाद मिलता है.
मेहंदी लगाएं
सावन में हाथों में मेहंदी रचाने की परंपरा है. यह सिर्फ सौंदर्य का प्रतीक नहीं, बल्कि सुहाग का भी प्रतीक मानी जाती है. आयुर्वेद के अनुसार, मेहंदी मानसिक शांति प्रदान करती है और ब्लड सर्कुलेशन को नियंत्रित करती है. ये स्त्री के सौभाग्य की निशानी मानी जाती है.
सुहाग सामग्री का दान करें
मंगलवार को मंगला गौरी व्रत के मौके पर विवाहित महिलाएं देवी को सुहाग सामग्री जैसे चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर आदि अर्पित करें और फिर किसी सुहागिन स्त्री को ये दान दें. शास्त्रों के अनुसार, इससे स्त्री को अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
बेलपत्र का पौधा लगाएं
सावन में बेलपत्र का पौधा घर या मंदिर में लगाना शुभ माना गया है. ये शिवजी का प्रतीक होता है. इस पौधे की प्रतिदिन सुबह-शाम पूजा करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और दाम्पत्य जीवन में प्रेम और मिठास बढ़ती है.
हरे रंग का करें प्रयोग
श्रावण मास में हरियाली का विशेष महत्व होता है. महिलाएं हरे रंग की चूड़ियां, साड़ियां या वस्त्र पहनें. शास्त्रों में हरा रंग समृद्धि, सौभाग्य और प्रसन्नता का प्रतीक माना गया है. यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है.
भजन-कीर्तन करें
सावन में शिवजी की पूजा के साथ-साथ भजन-कीर्तन का आयोजन करना चाहिए. इससे घर में सकारात्मक वातावरण बना रहता है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. इससे परिवार में शांति और सुख की वृद्धि होती है.
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