Sawan 2022 BelPatra Mahatva And Upay: जल्द ही सावन का पवित्र महीना आरंभ होने जा रहा है. सावन का महीना भोलेनाथ का प्रिय महीना होता है. भगवान शिव के पूजन में बेलपत्र का विशेष महत्व है. शिवलिंग पर एक लोटा जल और बेलपत्र अर्पित करने से भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूरी करते हैं. मान्यता है कि शिव की उपासना बिना बेलपत्र के बिना पूर्ण नहीं होती. बेल वृक्ष की उत्पत्ति के संबंध में 'स्कंदपुराण' में एक कथा है कि एक बार देवी पार्वती ने अपने ललाट से पसीना पौंछकर फेंका, जिसकी कुछ बूंदें मंदार पर्वत पर गिरीं, जिससे बेल वृक्ष की उत्पत्ति हुई. इस वृक्ष की जड़ों में गिरिजा, तना में महेश्वरी, शाखाओं में दक्षयायनी, पत्तियों में पार्वती और फूलों में गौरी का वास माना गया है.
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बेलपत्र का महत्व
- बेलपत्र की तीन पत्तियों वाला गुच्छा भगवान शिव को चढ़ाया जाता है और माना जाता है कि इसके मूलभाग में सभी तीर्थों का वास होता है.
- मान्यता है कि जिस घर में बेल का वृक्ष होता है वहां धन-धान्य की कभी कोई कमी नहीं होती.
- जो भक्त भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाता है उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं और भोलेनाथ उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं.
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बेलपत्र के उपाय
- कई बार ना चाहते हुए भी विवाह योग्य लड़के-लड़कियों की शादी में देरी होने लगती है तो इस समस्या के निवारण के लिए 108 बेलपत्र लें और हर बेलपत्र पर चन्दन से 'राम'नाम लिखें. 'ॐ नमः शिवाय'कहते हुए बेलपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाते जाएं और सारे पत्र चढ़ाने के बाद शिव-पार्वती से शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें.
- शिवजी का प्रिय बेलपत्र गंभीर बीमारियों से भी आपको छुटकारा दिला सकता है. अगर आप लंबे समय से किसी बीमारी से परेशान हैं तो 108 बेलपत्र लें और एक पात्र में चन्दन का इत्र लेकर एक-एक बेलपत्र पर इत्र लगाएं और शिवलिंग पर 'ॐ हौं जूं सः'मंत्र का जाप करते हुए चढ़ाते जाएं।पूजा के बाद भगवान से शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करें.