Sankashti Chaturthi 2024: 28 मार्च 2024 को है संकष्टी चतुर्थी, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और सही तरीका 

Sankashti Chaturthi 2024: हर महीने आने वाली संकष्टी चतुर्थी का हिन्दू धर्म में खास महत्व होता है. चैत्र का महीना शुरू हो चुका है. ऐसे में इस महीने की संकष्टी चतुर्थी का क्या महत्व है आइए जानते हैं.

author-image
Inna Khosla
New Update
Sankashti Chaturthi 2024

Sankashti Chaturthi 2024( Photo Credit : social media)

Sankashti Chaturthi 2024: संकष्टी चतुर्थी हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो महिलाओं द्वारा व्रत रखकर भगवान गणेश की पूजा की जाती है. यह त्योहार हर माह की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, लेकिन विशेष रूप से माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को उत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस दिन मां शक्ति की आराधना और पूजा की जाती है, जिससे सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है. इस त्योहार के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और समर्पित रूप से पूजा करती हैं. वे गणेश जी को लड्डू, मिठाई, फल, नारियल, चावल, धूप, दीप, फूल आदि से पूजती हैं. व्रत के दिन उन्हें नीरजला प्राणायाम, मंत्रजाप, आरती, और कथा का पाठ करना चाहिए. संकष्टी चतुर्थी के पर्व पर महिलाएं और लड़कियाँ सूखे फल, नारियल, और बाजार से लाए गए मिठाईयों को प्रसाद के रूप में बाँटती हैं. इस दिन किये गए व्रत, पूजा, और ध्यान से व्रती को भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और उन्हें सभी संकटों से मुक्ति मिलती है. संकष्टी चतुर्थी का पर्व हमें धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से समृद्धि और समाधान की प्राप्ति का मार्ग प्रदान करता है. इसे मानने से हमारी आत्मा में शांति, समृद्धि, और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. 

Advertisment

तिथि: 28 मार्च 2024 को कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है. उदयातिथि के अनुसार, 28 मार्च को ही संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा.

मुहूर्त: चतुर्थी तिथि का आरंभ 28 मार्च, 2024 को शाम 6:57 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन 29 मार्च, 2024 को सुबह 8:21 बजे होगा. पूजा का शुभ मुहूर्त 28 मार्च, 2024 को शाम 7:18 मिनट से 9:35 मिनट तक है. 

पूजा सामग्री:

  • गणेश जी की प्रतिमा
  • फूल
  • फल
  • मिठाई
  • धूप-दीप
  • दीप
  • कपूर
  • चंदन
  • सिंदूर
  • हल्दी
  • रोली
  • अक्षत
  • फल
  • सुपारी
  • पान
  • नारियल
  • दक्षिणा

पूजा विधि: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. घर के पूजा स्थान को साफ करें और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें. प्रतिमा को फूल, फल, मिठाई और धूप-दीप अर्पित करें. गणेश जी को स्नान कराएं. चंदन, सिंदूर, हल्दी और रोली से गणेश जी का तिलक करें. अक्षत, फल, सुपारी, पान और नारियल अर्पित करें. दीप जलाएं और कपूर आरती करें. "ॐ गं गणपतये नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें. गणेश जी की आरती करें. चंद्रमा को अर्घ्य दें. रात्रि में भोजन न करें. अगले दिन सुबह स्नान करके चतुर्थी का व्रत खोलें. 

संकष्टी चतुर्थी व्रत के नियम भी जान लें. व्रत के दौरान, क्रोध, लोभ, मोह और ईर्ष्या जैसे नकारात्मक विचारों से दूर रहें. व्रत के दौरान, झूठ न बोलें और किसी का अपमान न करें. दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है. जरूरतमंदों की सहायता करें. संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है. यह व्रत रखने से सभी कष्टों का नाश होता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस दिन, भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है और उनसे मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना की जाती है. 

व्रत रखने से पहले अपनी स्वास्थ्य स्थिति का ध्यान रखें. आप किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं, तो व्रत रखने से पहले डॉक्टर से सलाह लें. 28 मार्च 2024 को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखकर आप भगवान गणेश की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में सुख-समृद्धि ला सकते हैं.

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Read Also: Holi Bhai Dooj 2024: होली के बाद कब है भाई दूज, जाने इसकी पौराणिक कहानी

Source : News Nation Bureau

रिलिजन न्यूज Religion News in Hindi Religion Religion News sankashti chaturthi 2024 list Sankashti Chaturthi 2024 Sankashti Chaturthi 2024 date
      
Advertisment