Rules of Mandir: मंदिर की घंटी का क्या है नियम, गलती से भी ऐसे ना बजाएं मंदिर का घंटा
Rules of Mandir: भगवान की पूजा करते समय घंटी बजाना आरती जितना ही महत्वपूर्ण है. ऐसा माना जाता है कि घंटी बजाए बिना पूजा का पूरा फल प्राप्त नहीं होता है. इसके अलावा इसके कई वैज्ञानिक फायदे भी हैं.
New Delhi:
Rules of Mandir: मंदिर की घंटी का धार्मिक महत्व हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण है. यह एक प्रकार की प्रार्थना और ध्यान की सूचना होती है और समुदाय को धार्मिक कार्यों में भागीदार बनाती है. यह भी लोगों को समय की सूचना देती है कि प्रार्थना और पूजा के लिए समय हुआ है. मंदिर की घंटी के ध्वनि को समाज में एक सामाजिक सूचना के रूप में माना जाता है. यह ध्वनि लोगों को संगठित और धार्मिक कार्यों में सहयोगी बनाती है, जैसे कि पूजा, आरती, भजन, और साधना में समय का पालन करने के लिए. मंदिर की घंटी की ध्वनि लोगों को धार्मिक और मनोयोग्य वातावरण में लेजाती है, जिससे उनका मन शांत और ध्यान में रहता है. यह लोगों को धर्मिक उत्सवों और पर्वों के लिए तैयार करती है और सामुदायिक एकता और सामर्थ्य को बढ़ावा देती है. समय-समय पर मंदिर की घंटी का बजना भी समाज को किसी आगामी धार्मिक कार्य की सूचना देता है, जैसे कि पूजा, संगीत कार्यक्रम, या सामाजिक सभा. मंदिर की घंटी का धार्मिक महत्व धार्मिक सामुदायिकता, सामाजिक संगठन, और आध्यात्मिक उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
मंदिर में घंटी बजाने के नियम:
1. घंटी को जोर से न बजाएं: घंटी को जोर से बजाने से मंदिर में शांति भंग हो सकती है. घंटी को धीरे और मधुरता से बजाना चाहिए.
2. घंटी को बार-बार न बजाएं: घंटी को बार-बार बजाने से भी मंदिर में शांति भंग हो सकती है. एक बार बजाने के बाद थोड़ा रुकें और फिर दोबारा बजाएं.
3. घंटी को गलत तरीके से न बजाएं: घंटी को गलत तरीके से बजाने से उसका स्वर खराब हो सकता है. घंटी को सही तरीके से बजाने के लिए, उसे बीच में लकड़ी के डंडे से पकड़कर हिलाएं.
4. घंटी को गंदे हाथों से न बजाएं: घंटी को गंदे हाथों से बजाने से वह दूषित हो सकती है. घंटी बजाने से पहले अपने हाथों को धो लें.
5. घंटी को गलत समय पर न बजाएं: घंटी को गलत समय पर बजाने से मंदिर में पूजा कर रहे लोगों को परेशानी हो सकती है. घंटी को केवल पूजा के समय ही बजाना चाहिए.
6. घंटी बजाने के बाद प्रणाम करें: घंटी बजाने के बाद मंदिर में विराजमान देवता को प्रणाम करें.
मंदिर में घंटी बजाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. इससे भक्तों के मन में भक्ति भाव जागृत करता है. नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और मन को शांति मिलती है और एकाग्रता आती है.
मंदिर में घंटी बजाने के कुछ नुकसान भी हैं. अगर घंटी को जोर से बजाया जाए तो यह मंदिर में शांति भंग कर सकता है. घंटी को गलत तरीके से बजाया जाए तो उसका स्वर खराब हो सकता है. गंदे हाथों से बजाया जाए तो वह दूषित हो सकती है. मंदिर में घंटी बजाना एक अच्छा कार्य है, लेकिन इसके कुछ नियम भी हैं जिनका पालन करना चाहिए. घंटी को धीरे और मधुरता से बजाना चाहिए, और इसे केवल पूजा के समय ही बजाना चाहिए.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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