Panchak During Gupt Navratri: आज शाम से पंचक प्रारंभ हो जाएगा जो ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष महत्व रखता है. पंचक काल को आमतौर पर अशुभ माना जाता है लेकिन क्या इसका प्रभाव गुप्त नवरात्रि की पूजा पर भी पड़ता है? हिंदू धर्म में गुप्त नवरात्रि की पूजा का विशेष महत्व होता है. साधक कुछ खास सिद्धियो की प्राप्ति के लिए इन नौ दिनों में मां दुर्गा की गुप्त साधना करते हैं. लेकिन इस साधना पर इस बार पंचक का साया है. शास्त्रों में पंचक क अशुभ बताया जाता है. लेकिन पंचक किस दिन से शुरू हो रहा है उस पर भी पंचक के प्रभाव का आंकलन किया जाता है.
पंचक काल कब से कब तक रहेगा
हिंदू पंचांग के अनुसार 30 जनवरी को शाम 6 बजकर 35 मिनट से 3 फरवरी को रात 11 बजकर 16 मिनट तक पंचक काल रहेगा.
पंचक काल और उसका महत्व
पंचक का अर्थ है पांच दिन, जब चंद्रमा कुम्भ और मीन राशि में संचार करता है. इस दौरान कुछ कार्यों को निषेध किया जाता है, जैसे विवाह, गृह प्रवेश और निर्माण कार्य, मृत्युसंस्कार एवं लकड़ी से जुड़ा कोई कार्य, नए व्यवसाय की शुरुआत इन दिनों में नहीं करते.
गुप्त नवरात्रि की पूजा पर पंचक का प्रभाव
अब सवाल ये है कि क्या गुप्त नवरात्रि में पूजा करना अशुभ है, तो जवाब होगा नहीं, पंचक के दौरान गुप्त नवरात्रि की पूजा करना अशुभ नहीं माना जाता. देवी उपासना, तंत्र साधना और मंत्र सिद्धि करने के लिए यह समय अत्यंत प्रभावशाली होता है. लेकिन इस दौरान जातक को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए. मां दुर्गा के मंत्रों का जाप शांति से करें. हवन और विशेष अनुष्ठान विधि-विधान से करें. दक्षिणमुखी हनुमान जी की आराधना करने से नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं और घर में शुद्धता बनाए रखें. किसी भी तरह के अनावश्यक वाद-विवाद से बचें.
गुप्त नवरात्रि और पंचक का धार्मिक प्रभाव
ऐसा धार्मिक मान्यता है कि पंचक में देवी उपासना करने से सिद्धियां शीघ्र प्राप्त होती हैं. नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और बाधाओं का नाश होता है. आर्थिक समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए इसे विशेष फलदायी समय बताया गया है. अगर आप गुप्त नवरात्रि में साधना, मंत्र जाप और हवन करना चाहते हैं, तो पंचक का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा. बल्कि, यह समय देवी कृपा प्राप्त करने का श्रेष्ठ अवसर है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)