Mala Jaap: किस माला से जपें राम का नाम, जानें मंत्र जाप की माला में क्यों होते हैं 108 मनके
Mala Jaap: हिन्दू धर्म में, 108 को संसार की पूर्णता और ब्रह्मांड का प्रतीक माना जाता है. इसका अर्थ है कि मंत्र जाप के दौरान 108 मालाएं पूर्णता की दिशा में बढ़ती हैं और व्यक्ति का अनुष्ठान पूर्ण होता है.
नई दिल्ली:
Mala Jaap: राम का नाम जपने के लिए कई प्रकार की मालाएं उपयुक्त होती हैं, लेकिन सबसे प्रमुख और प्रचलित माला है "तुलसी माला" या "तुलसी की माला". यह माला तुलसी के पौधों से बनी होती है और हिन्दू धर्म में तुलसी को भगवान विष्णु की सखी माना जाता है, इसलिए इस माला को राम जप के लिए विशेष रूप से सुझाया जाता है. तुलसी माला में सामान्यत: 108 बीज़ होते हैं, जिसके साथ एक मुखी (एक ही बार) होता है. धार्मिक अनुस्कारों में, लोग इस माला का धारण करते हैं और राम का नाम जपते हैं. जप के दौरान, हर बीज़ पर एक माला जप किया जाता है, जिससे साधक भगवान राम के नाम में लीन होता है.
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इसमें अधिकांशत: 108 मालाएं होती हैं, क्योंकि हिन्दू धर्म में 108 को साकार ब्रह्मांड का पूर्णता का प्रतीक माना जाता है. तुलसी माला को सावधानीपूर्वक और श्रद्धा भाव से जप करना चाहिए. मंत्र जाप वाली पूजा मालाओं में 108 मनके होना धार्मिक और आध्यात्मिक परंपरा का हिस्सा है और इसमें कुछ महत्वपूर्ण तात्कालिक और पौराणिक कारण हो सकते हैं.
ब्रह्मांड की पूर्णता
हिन्दू धर्म में, 108 को संसार की पूर्णता और ब्रह्मांड का प्रतीक माना जाता है. इसका अर्थ है कि मंत्र जाप के दौरान 108 मालाएं पूर्णता की दिशा में बढ़ती हैं और व्यक्ति का अनुष्ठान पूर्ण होता है.
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न्यूरोन्स और मन
माना जाता है कि व्यक्ति के शरीर में 108 न्यूरोन्स होते हैं, जो मस्तिष्क के काम करते हैं. मंत्र जाप के दौरान 108 मालाएं जपने से मन शांत होता है और आत्मा का साक्षात्कार होता है.
नौ ग्रह और नवग्रह पूजा
हिन्दू ज्योतिष में, सूर्य, चंद्र, मंगल, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, केतु, और बुध - इन नौ ग्रहों की पूजा के लिए 108 माला का जाप किया जाता है.
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हैंस योग और मनुष्य के शरीर में 108 मर्मस्थान
योग और आयुर्वेद में माना जाता है कि मनुष्य के शरीर में 108 मर्मस्थान होते हैं, जिन्हें मंत्र जाप के द्वारा सकारात्मक रूप से प्रभावित किया जा सकता है. इसके अलावा, विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक ग्रंथों में यह कहा गया है कि 108 का अंशक महत्वपूर्ण है और इसलिए मंत्र जाप के दौरान 108 मालाएं उपयोग की जाती हैं.
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