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स्मार्ट और इंटेलीजेंट ही नहीं, ऐसे गुण वाली महिला कहलाती है आदर्श ( Photo Credit : News Nation)
Qualities Of Ideal Women: एक महिला इस सृष्टि का आधार स्तंभ होती है. उसके बिना सृष्टि ही नहीं ब्रह्मांड की कल्पना भी संभव नहीं. जहां एक ओर हिन्दू धर्म में स्त्रियों को देवी की उपाधि दी गई है. तभी कन्या के जन्म पर घर में लक्ष्मी आने की बात कही जाती है. वहीं, दूसरी ओर शास्त्रों में स्त्री को सृजन का स्रोत बताया गया है. इसके अतिरिक्त, धर्म ग्रंथों और पौराणिक कथाओं में स्त्री के महत्व के साथ साथ उसके गुणों का वर्णन भी मिलता है. यानी कि कुछ विशेष गुणों या खासियतों के आधार पर एक स्त्री को समाज में आदर्श माना जाता है और इनके यही गुण न सिर्फ पारिवारिक अपितु सामाजिक उन्नति में भी सहायक होते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं एक स्त्री को आदर्श महिला बनाने वाले गुणों के बारे में.
धर्म पालन का गुण
शास्त्रों के अनुसार, जो स्त्री धर्म का अनुसरण करती है वह निश्चित तौर पर घर की समृद्धि का कारक बनती है. धर्म का पालन करने वाली स्त्रियां अच्छे और बुरे के बीच फर्क करना जानती हैं. वो न सिर्फ परिवार बल्कि समाज को भी सही राह दिखाती हैं.
धन संचय का गुण
जिन स्त्रियों में धन संचय यानी कि धन बचाने और सोच समझकर खर्च करने का गुण होता है उनका परिवार हमेशा संकटों से मुक्त रहता है. ऐसी महिलाएं आर्थिक संकट के दौर को भी आसानी से पार कर जाती हैं और अपने परिवार की उन्नति में सहायक साबित होती हैं. मान्यता है कि एक श्रेष्ठ स्त्री का सबसे बड़ा गुण ही यही है कि किसी भी परिस्थिति में वह पैसों का मैनेजमेंट इस तरह से करे कि उसके वर्तमान के साथ साथ भविष्य भी सुरक्षित रह सके.
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मधुर वाणी का गुण
कहते हैं कि वाणी एक ऐसा हथियार है जो रिश्ते बना भी सकता है और बिगाड़ भी. शास्त्रों के अनुसार, जो स्त्री बोलचाल में सौम्य होती है उसके आगे समस्त संसार झुकता है. सौम्य भाषी महिला के परिवार को समाज में भाग्यशाली माना जाता है. ऐसी महिला मिलकर साथ चलने, मिलकर आगे बढ़ने में विश्वास रखती है और परिवार को प्यार के धागे में बाँधने का काम करती है. ऐसी महिलाएं सम्मान के योग्य होती हैं. हालांकि, ये गुण इस पर आधारित है कि उस महिला के साथ कोई व्यक्ति कैसे व्यवहार कर रहा है.
शिक्षण और साहस का गुण
एक शिक्षित स्त्री से न सिर्फ उसका बल्कि पूरे समाज का विकास होता है. ऐसी महिलाएं पूरे परिवार के लिए प्रेरणा बनती हैं. वहीं, स्त्री में साहस होना भी जरूरी है और शिक्षा से ही जन्म लेता है साहस. साहसी स्त्री मुसीबत के समय घबराती नहीं. डटकर विपरीत परिस्थिति का सामना करती है. एक आदर्श स्त्री में शिक्षा और साहस का गुण जरूर होना चाहिए. माना जाता है कि एक आदर्ष स्त्री को विनम्रता से झुकना और परिस्थिति अनुसार झुकाना- दोनों ही गुणों को अपनाना चाहिए.