logo-image

Pradosh Vrat 2022 Date, Shubh Muhurat and Puja Vidhi: मई में इस तिथि को रखें प्रदोष व्रत, भगवान शिव की कृपा से शुभ फल होगा प्राप्त

हर महीने के दोनों पक्षों में आने वाली त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत (pradosh vrat 2022 date) रखा जाता है. माना जाता है कि भगवान शिव को प्रदोष व्रत बहुत प्रिय होता है. तो, चलिए आपको बताते हैं कि इस दिन के व्रत की तिथि और पूजा विधि क्या है. 

Updated on: 04 May 2022, 11:55 AM

नई दिल्ली:

हिंदू पंचांग के मुताबिक, वैशाख का महीना (vaishakh month 2022) चल रहा है. वैशाख के महीने में भगवान शिव (lord shiva) की पूजा को विशेष माना गया है. वैशाख के महीने का शुक्ल पक्ष शुरु हो चुका है. हर महीने के दोनों पक्षों में आने वाली त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत (pradosh vrat 2022) रखा जाता है. ये दिन भगवान शिव को समर्पित होता है. शिव भक्त इस व्रत का इंतजार करते हैं. वैशाख में पड़ने वाले प्रदोष व्रत पर विशेष संयोग बन रहा है. जिस कारण शिव भक्तों के लिए इसका महत्व बढ़ जाता है. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत (pradosh vrat may 2022) रखा जाता है. माना जाता है कि भगवान शिव को प्रदोष व्रत बहुत प्रिय होता है. तो, चलिए आपको बताते हैं कि इस दिन के व्रत की तिथि और पूजा विधि क्या है.   

यह भी पढ़े : Somvati Amavasya 2022 Date, Puja Vidhi and Significance: सोमवती अमावस्या का व्रत रखें इस दिन और अपनाएं ये पूजा विधि, शुभ फल की होगी प्राप्ति

प्रदोष व्रत 2022 शुभ मुहूर्त एवं तिथि 
पंचांग के अनुसार त्रयोदशी तिथि भगवान की कृपा बरसाती है. इस बार वैशाख के महीने में प्रदोष व्रत 13 मई 2022, शुक्रवार के दिन पड़ रहा है. इस दिन त्रयोदशी की तिथि 13 मई को शाम 5 बजकर 29 मिनट से शुरु होकर 14 मई 2022, शनिवार की दोपहर 3 बजकर 24 मिनट तक रहेगी. प्रदोष व्रत के दौरान भगवान शिव की पूजा के लिए शुभ समय शाम 7 बजकर 4 मिनट से 9 बजकर 9 मिनट (pradosh vrat may 2022) तक बना हुआ है.   

यह भी पढ़े : Eye Twitching (Aankh Fadakna) Indications: आंख फड़कना देता है कई गंभीर घटनाओं का संकेत, इन अशुभ सिचुएशन्स को लेकर हो जाएं पहले से ही सचेत

प्रदोष व्रत 2022 पूजा विधि  

प्रदोष व्रत में नियम और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है. इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान-ध्यान करके भगवान शिव के सामने प्रदोष व्रत का संकल्प लें. इसके बाद ​विधि-विधान से शिव पूजन और अर्चना करें. शाम के समय प्रदोष काल में एक बार फिर स्नान-ध्यान के बाद विधि-विधान से शिव का विशेष पूजन किया जाता है. उसके बाद प्रदोष व्रत की कथा का श्रवण करें. इस दिन रुद्राक्ष की माला से शिव मंत्र का ज्यादा से ज्यादा (pradosh vrat 2022 pujan vidhi) जाप करें.