Pradosh Vrat 2022 : प्रदोष व्रत पर ना करें ये काम , भगवान शिव हो जाएंगे नाराज

हमारे हिंदू धार्मिक उल्लेखों में व्रत रखना पूजा-पाठ करने का विशेष महत्त्व है, कहते हैं कि सच्चे मन से अगर व्रत रखा जाए

हमारे हिंदू धार्मिक उल्लेखों में व्रत रखना पूजा-पाठ करने का विशेष महत्त्व है, कहते हैं कि सच्चे मन से अगर व्रत रखा जाए

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Aarya Pandey
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प्रदोष व्रत पर ना करें ये काम ( Photo Credit : Social Media)

हमारे हिंदू धार्मिक उल्लेखों में व्रत रखना पूजा-पाठ करने का विशेष महत्त्व है, कहते हैं कि सच्चे मन से अगर व्रत रखा जाए, तो भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं, वैसे तो हर महीने कोई न कोई व्रत होता है, लेकिन इन सब में प्रदोष व्रत का अपना ही महत्व है. प्रदोष व्रत को सबसे उत्तम भी बताया गया है. शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत वर्ष में 24 बार यानी कि महीने में 2 बार आता है. बता दें कि प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि के दिन होता है. प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के जीवन से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.

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प्रदोष व्रत तिथि समय और महत्त्व :- (pradoshvrat date&time)

इस बार प्रदोष व्रत रविवार यानी दिनांक 23 अक्टूबर को है, प्रदोष व्रत के शुभ मुहुर्त की बात करें, तो 6:35 से 8:52 तक रहेगा. दिन के हिसाब से प्रदोष व्रत रखने का अलग महत्त्व है. बता दें रविवार को पड़ने वाला प्रदोष व्रत आयु वृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य के लिए किया जाता है. वहीं सोमवार को पड़ने वाला प्रदोष व्रत मनोकामना के लिए किया जाता है, मंगलवार का प्रदोष व्रत रोग मुक्ति के लिए किया जाता है, बुधवार को पड़ने वाला प्रदोष व्रत कामना पूर्ति के लिए किया जाता है, बात करें गुरुवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत की तो इस दिन व्रत रखने से शत्रु का नाश हो जाता है. शुक्रवार को पड़ने वाला प्रदोष व्रत दाम्पत्य जीवन में सुख शांति के लिए किया जाता है, वहीं शनिवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत की बात करें, तो इस दिन संतान प्राप्ति के लिए व्रत रखना काफी शुभ माना जाता है.

प्रदोष व्रत करने की विधि (Pradosh vrat vidhi)-

प्रदोष व्रत करने के लिए मनुष्य को त्रयोदशी तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त यानी सुबह 4 बजे से लेकर 5 बजकर 30 मिनट में स्नान करना चाहिए.
इस व्रत में कोई आहार नहीं लेना चाहिए
इस व्रत में विधिवत तरीके से भगवान शिव की अराधना करनी चाहिए, पूजा में भगवान शिव का मंत्र  " ऊँ नम: शिवाय " का सच्चे मन से जाप करना चाहिए.
भगवान शिव को उनके मनपसंद खाने का भोग लगाना चाहिए. वहीं आखिर में दो ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए.

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प्रदोष व्रत में भूल कर भी ना करें ये काम-

प्रदोष व्रत में जो सबसे ज्यादा ध्यान रखने वाली बात है वो ये कि भूलकर भी इस व्रत में भगवान शिव की पूजा किए बिना अन्न ग्रहण नहीं करें. प्रदोष व्रत में नमक, मिर्च,मसाले का सेवन भी नहीं करना चाहिए.

Source : News Nation Bureau

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