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Pitru Paksha 2022 Upay: पितृपक्ष के दौरान किये गए ये उपाए, आपके घर में खुशहाली लाएं

Pitru Paksha 2022 Upay: माना जाता है कि पितृपक्ष के दौरान कुछ उपायों को करने से न सिर्फ कुंडली में से पितृ दोष दूर होता है बल्कि पूर्वजों की कृपा से घर में बरकत भी नहीं रहती है.

Updated on: 11 Sep 2022, 12:38 PM

नई दिल्ली :

Pitru Paksha 2022 Upay: सनातन धर्म में पितृ पक्ष विशेष महत्व रखता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से प्रारंभ होते हैं और आश्विन मास की अमावस्या तिथि पर संपन्न होते हैं. अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक, इस वर्ष श्राद्ध पक्ष यानी पितृ पक्ष 10 सितंबर, दिन शनिवार से प्रारंभ हो रहे हैं. वहीं, इसका समापन 25 सितंबर, दिन रविवार को होगा. माना जाता है कि पितृपक्ष के दौरान कुछ उपायों को करने से न सिर्फ कुंडली में से पितृ दोष दूर होता है बल्कि पूर्वजों की कृपा से घर में बरकत भी नहीं रहती है. ऐसे में आज हम आपको एक जबरदस्त महाउपाय बताने जा रहे हैं जिसे अपनाकर निश्चित ही आप अपनी परेशानियों से छुटकारा पालेंगे. 

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- पितृ पक्ष में पूर्वजों के निमित्त विधि विधान से तर्पण और श्राद्ध करें. ब्राह्मण को भोजन कराएं, दान दें. साथ ही साल की हर एकादशी, चतुर्दशी, अमावस्या पर पितरों को जल अर्पित करें और त्रिपंडी श्राद्ध करें.

- पितृ पक्ष शांति के लिए रोजाना दोपहर के समय पीपल के पेड़ की पूजा करें. पितरों को प्रसन्न करने के लिए पीपल में गंगाजल में काले तिल, दूध, अक्षत और फूल अर्पित करें. पितृ दोष शांति के लिए ये उपाय बहुत कारगर है.

- पितृ पक्ष में रोजाना घर में शाम के समय दक्षिण दिशा में तेल का दीपक लगाएं. ऐसा रोजाना भी कर सकते हैं. इससे पितृ दोष खत्म हो जाता है.

- किसी जरुरतमंद को भोजन, दान या गरीब कन्या के विवाह में मदद करने से पितर खुश होते हैं. ऐसा करने से पितृ दोष शांत होने लगता है.

- घर में पितरों की तस्वीर दक्षिण दिशा में लगाएं. रोजाना उनसे अपनी गलती की क्षमा मांगे. कहते हैं इससे पितृ दोष का प्रभाव कम होने लगता है.

- जिन लोगों की कुंडली में पितृदोष है. उन्हें ये महा उपाय करना चाहिए. इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष खत्म होता है. 

- सर्व पितृ अमावस्या के दिन जल में काले तिल, सफेद चंदन, सफेद फूल डालकर पीपल की जड़ में चढ़ाएं. 

- इसके बाद पेड़ के पास शुद्ध देसी घी का दीपक जलाते हुए 'ॐ सर्व पितृ देवाय नम:' मंत्र का जाप करें.