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Pitru Paksha 2022 Myths Of Shraddh: पितृ पक्ष के दौरान शुभ कार्य पर रोक लगाना है सबसे बड़ी गलती, जानिये श्राद्ध से जुड़े कुछ मिथ्स

Pitru Paksha 2022 Myths Of Shraddh: पितृ पक्ष के दौरान पितरों के लिए श्राद्ध, तर्पण व पिंडदान जैसे कार्य किए जाते हैं. लेकिन श्राद्ध से जुड़ी कुछ भ्रांतियां भी हैं जिन्हें लोग बिना सोचे समझे मानते भी हैं और फॉलो भी करते हैं.

Updated on: 10 Sep 2022, 04:33 PM

नई दिल्ली :

Pitru Paksha 2022 Myths Of Shraddh: सनातन धर्म में पितृ पक्ष विशेष महत्व रखता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से प्रारंभ होते हैं और आश्विन मास की अमावस्या तिथि पर संपन्न होते हैं. अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक, इस वर्ष श्राद्ध पक्ष यानी पितृ पक्ष 10 सितंबर, दिन शनिवार से प्रारंभ हो रहे हैं. वहीं, इसका समापन 25 सितंबर, दिन रविवार को होगा. पितृ पक्ष के दौरान पितरों के लिए श्राद्ध, तर्पण व पिंडदान जैसे कार्य किए जाते हैं. ऐसा करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और आप पर उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है. लेकिन श्राद्ध से जुड़ी कुछ भ्रांतियां भी हैं जिन्हें लोग बिना सोचे समझे मानते भी हैं और फॉलो भी करते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं उन मिथ्स के बारे में. 

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- सिर्फ बेटा ही कर सकता है पिता का श्राद्ध 
पुत्र के अभाव में पौत्र तथा पौत्र के न रहने पर भाई या भाई की संतान भी श्राद्ध कर सकती है. पुत्र के अभाव में विधवा पत्नी भी अपने पति का श्राद्ध कर सकती है. वहीं, पत्नी का श्राद्ध पति तभी कर सकता है जब उसे कोई पुत्र न हो 

- नहीं कर सकते कोई शुभ कार्य 
पितृपक्ष के दौरान न तो शुभ कार्य करने के लिए कोई पाबंदी है और न ही खरीदारी पर कोई रोक है. पितृपक्ष में पूजन न करने, नई खरीदारी न जैसी भ्रांतियां फैली हैं, जिसे सनातन धर्म के जानकार गलत बताते हैं. शास्त्रों के अनुसार, पितृपक्ष में खरीदारी अथवा शुभ कार्य करने से कोई विघ्न नहीं होता, बल्कि पितरों का आशीष मिलता है, जिससे जीवन समृद्धशाली बना रहता है. 

- पितृ पक्ष के दौरान घर में सफेदी करवाना है मना
धर्म जानकारों की मानें तो घर में सफेदी न सिर्फ घर को दोबारा चमकाने के लिए की जाती है बल्कि नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव को कम करने और घर को शुद्ध करने के लिए भी की जाती है. ऐसे में पितृ पक्ष के दौरान सफेदी कराना गलत नहीं. क्योंकि पितृ कोई नकारात्मक या बुरी शक्ति नहीं बल्कि हमारे ही पूर्वज होते हैं. जो हमेशा अपना आशीर्वाद अपने परिवार पर बनाए रखते हैं. ऐसे में श्राद्ध के दौरान भी वाइट वॉश की जा सकती है.