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Pitru Paksha 2022 Signs Of Ancestors Anger: भुगत रहे हैं भयंकर तंगी के साथ ये सब, तो यकीनन पितृ हैं बेहद नाराज

Pitru Paksha 2022 Signs Of Ancestors Anger: माना जाता है कि पितृ अगर प्रसन्न रहें तो अपना आशीर्वाद बरसाते हैं. लेकिन वहीं, अगर पितृ नाराज हो जाएं तो व्यक्ति का जीवन संकटों से घिर जाता है और उसे छोटी छोटी खुशियां भी नसीब नहीं होती.

Updated on: 09 Sep 2022, 04:28 PM

नई दिल्ली :

Pitru Paksha 2022 Signs Of Ancestors Anger: इस बार पितृपक्ष 10 सितंबर, शनिवार से 25 सितंबर 2022, रविवार तक रहेंगे. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब किसी प्रिय की मौत होती है तो वह पितृदेव का रूप धारण कर लेते हैं और अपने वंशजों की रक्षा करते हैं. माना जाता है कि पितृ अगर प्रसन्न रहें तो अपना आशीर्वाद बरसाते हैं और उनकी कृपा से घर के सभी सदस्यों की दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की होती है. लेकिन वहीं, अगर पितृ नाराज हो जाएं तो व्यक्ति का जीवन संकटों से घिर जाता है और उसे छोटी छोटी खुशियां भी नसीब नहीं होती. ऐसे में चलिए जानते हैं उन गंभीर संकेतों के बारे में जो पितरों के क्रोध को दर्शाते हैं. 

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1. कोई काम न बनना या बनता काम भी बिगड़ जाना 
मान्यता है कि अगर आपके कार्यों में बाधाएं आ रही हैं और कोई भी काम सफल नहीं हो रहा है या फिर अच्छा खासा बनता हुआ काम भी बार बार बिगड़ रहा है तो इसे पितरों के नाराज होने या पितृदोष का लक्षण माना जाता है.

2. घर में कलेश का माहौल 
शास्त्रों के अनुसार, घर में अक्सर लड़ाई-झगड़ा होना, पितृ दोष का कारण माना जाता है. अगर घर के सदस्यों के बीच प्रेम खत्म होने की कगार पर है और बार बार छोटी छोटी बात पर झगड़े होने लगते हैं तो इससे साफ जाहिर है कि पितृ अत्यंत क्रोधित हैं. 

3. संतान सुख न  मिल पाना 
मान्यता है कि पितृ नाराज रहते हैं तो संतान सुख में बाधा आती है. अगर संतान हुई है तो वह आपकी विरोधी रहेगी. आपको कष्टों का सामना करना पड़ेगा. आपकी संतान अगर कोई कष्ट भोगती है तो उसके पीछे भी पितृ दोष या पितरों की नाराजगी होती है. 

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4. विवाह में देरी या शादी का टूट जाना 
मान्यता है कि पितरों के नाराज रहने के कारण घर की किसी संतान का विवाह नहीं होता है. अगर हो भी जाए तो वैवाहिक जीवन में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यहां तक कि शादी के टूटने तक बात पहुंच जाती है. 

5. आकस्मिक नुकसान
मान्यता है कि पितृ नाराज रहते हैं तो जीवन में आकस्मिक नुकसान का सामना करना पड़ता है. जिसमें मुख्य तौर पर जातक को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है. पितरों के नाराज होने का सबसे बड़ा संकेत यही होता है जब व्यक्ति चाह कर भी आर्थिक संकट से उभर नहीं पाता.