Paush Month 2024 Date: पौष मास, हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष (अगहन) के बाद और माघ मास से पहले आता है. चंद्र मास और सौर मास के अनुसार ये महीना अलग-अलग समय पर शुरू होता है. आमतौर पर पौष मास दिसंबर से जनवरी के बीच आता है. इस मास का नाम सूर्य के पौष नक्षत्र में प्रवेश के कारण रखा गया है. सूर्य देवता की उपासना का इस महीने में खास महत्व है. सूर्य पूजा करने से जीवन में ऊर्जा, स्वास्थ्य और समृद्धि आती है. प्रतिदिन सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य देने का महत्व बताया गया है.
कब से कब तक है पौष माह (Paush Month Start Date 2024)
हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार पौष माह 16 दिसंबर 2024 से शुरू हो गया है जो अगले साल जनवरी 2025 को 13 जनवरी तक रहेगा. इसके बाद माघ माह की शुरूआत होगी. प्रयागराज में महाकुंभ का मेला भी माघ के महीने में लगेगा.
पौष माह में क्या करें क्या न करें?
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस महीने में भगवद् गीता और अन्य पवित्र ग्रंथों का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है. इसे आत्मा की शुद्धि और ज्ञान प्राप्ति के लिए उत्तम समय माना गया है. पौष मास में विशेष व्रत और अनुष्ठान किए जाते हैं. भगवान विष्णु और सूर्य नारायण की आराधना के लिए यह समय शुभ माना जाता है.
पौष मास में मांगलिक कार्य जैसे विवाह या गृह प्रवेश वर्जित माने जाते हैं. पौष पूर्णिमा भी विशेष महत्व है. इस दिन दान और पूजा-अर्चना का विशेष फल मिलता है. पौष मास के अंत में मकर संक्रांति आती है, जिसे फसल कटाई का पर्व भी कहा जाता है. पौष माह में तिल, गुड़ और घी का सेवन और दान करना और नियमित रूप से गीता और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना फलदायी माना जाता है.
यह भी पढ़ें: Dhanu Sankranti 2024: आज सूर्य के धनु राशि में प्रवेश होते ही चमक जाएगी इन 3 राशियों की किस्मत, नए साल से पहले होने लगेगी धनवर्षा
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)