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Chanakya Niti: इस चीज को कभी न करें सहन, जहर का घूंट पीने के होता है समान

आचार्य चाणक्य (acharya chanakya) ने नीति शास्त्र (niti shastra) में उस चीज का जिक्र किया जो लोगों के लिए जगर के घूंट के समान है. इस चीज को बार-बार सहन करने पर लोगों का सम्मान (Ethics Of Chanakya) को क्षति पहुंचती है और इससे छवि खराब होती है.

Updated on: 23 Aug 2022, 07:30 AM

नई दिल्ली:

आचार्य चाणक्य (acharya chanakya) को अर्थशास्‍त्र और नीतिशास्‍त्र का जनक माना जाता है. उन्होंने अपने ज्ञान और नीतियों से इतिहास की धारा को ही बदलकर रख दिया. चाणक्य को न केवल राजनीति बल्कि समाज के हर विषय का भी गहन ज्ञान और अंतर्दृष्टि थी. उन्होंने जीवन जीने के भी कई पहलुओं के बारे में बताया है. नीति ग्रंथ यानी चाणक्य नीति (chanakya niti) में मनुष्य के जीवन को सरल और सफल बनाने से जुड़ी कई बातों का उल्लेख मिलता है. उनके अनुसार लोगों का मान-सम्मान (respect niti) ही उसकी सबसे बड़ी पूंजी होती है. जीवन में सम्मान बहुत परिश्रम करने के बाद मिलता है.  

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आचार्य चाणक्य कहते हैं कि लोगों को कभी भी अपने सम्मान से समझौता नहीं करना चाहिए. आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र (niti shastra) में उस चीज का जिक्र किया जो लोगों के लिए जगर के घूंट के समान है. इस चीज को बार-बार सहन करने पर लोगों का सम्मान (Ethics Of Chanakya) को क्षति पहुंचती है और इससे छवि खराब होती है.   

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आचार्य चाणक्य - अपमान का घूंट जहर से भी ज्यादा कड़वा होता है -   

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर कोई बार-बार आपको नीचा दिखाने की कोशिश करें तो, आप उसे फौरन टोक दें. ऐसा न करने से लोगों के मान-सम्मान में कमी आती है और फिर दूसरें भी आपको गलत बोलने से कतराते (insult destroy image) नहीं है. 

जीवन में कई बार ऐसी परिस्थिति आ जाती हैं जब गलतियों की वजह से लोगों को अपमान सहन करना पड़ता है. लेकिन, चाणक्य कहते हैं कि अगर बिना गलती के भी आपको अपमान सहना पड़े तो, वो जहर के घूंट के समान हो जाता है. 

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कई लोगों में बहुत सहन शक्ति होती है. लेकिन, बार-बार अपमान होने के बाद आपकी छवि खराब हो सकती है. इसलिए, जीवन में ईर्ष्या रखने वाले ये असफल हुए लोग अक्सर दूसरों की सरेआम बेइज्जती करनी की कोशिश करते हैं. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर कोई आपका बार-बार अपमान करें तो, उसे ऐसा करने से रोकिए क्योंकि जिस तरह बीते हुए पल और वक्त वापिस नहीं आते उसी तरह से अपमान करने वाले को अगर उसी वक्त जवाब नहीं दिया तो, उसकी हिम्मत बढ़ जाएगी और वो दोबारा सरेआम बेइज्जती करने की कोशिश करेगा. 

आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में कहा है कि अगर कोई व्यक्ति आपका अपमान करें तो, उसे एक बार सहना समझदारी है. दूसरी बार हुए अपमान को सहन करना उस शख्स के महान होने का परिचय देता है. लेकिन, अगर आपको तीसरी बार भी बेइज्जती सहनी पड़े तो, ये व्यक्ति की (Chanakya Neeti In Hindi) मूर्खता कहलाती है.