श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पहले प्रकाश पर्व को समर्पित आलौकिक नगर कीर्तन पांच प्यारों के नेतृत्व और श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छत्र छाया में ऐतिहासिक गुरुद्वारा रामसर साहिब से शुरू होकर गुरु नगरी के विभिन्न इलाकों से होता हुआ सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में संपन्न हुआ. इसके साथ ही आज अकाल तख्त साहिब पर जललौ साहिब भी सजाए गए सुबह से ही श्रदालुयो स्चखण्ड श्री हरमंदिर साहिब में पहुंचना शुरू हो गए थे. स्चखण्ड श्री हरमंदिर सहिब को देश विदेश से आये आकर्षक फूलों से सजाया गया था.
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श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी कर प्रकाश पर्व पर आज स्चखण्ड श्री हरमंदिर साहिब को फूलों से सजाया गया सुबह से ही श्रदालु लाखो की तादाद में स्चखण्ड श्री हरमंदिर साहिब में पहुंचने शुरू हो गए थे. स्नान कर वाहेगुरु से अरदास कर रहे थे सुबह श्री रामसर गुरुद्वारे से एक नगर कीर्तन निकाला गया. उसके बाद अकाल तख्त साहिब पर जललौ साहिब सजाए गए और सिख संगत ने जललौ साहिब के दर्शन कर अरदास की. इस मौके श्रदालुओ का कहना है कि वह भाग्यशाली है कि नगर कीर्तन में शामिल हो सके है.
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दूसरी तरफ नगर कीर्तन के बारे में जानकारी देते हुए एसजीपीसी मेंबर ने बताया कि श्री गुरुग्रंथ साहिब के पहले प्रकाश पर्व को समर्पित आलौकिक नगर कीर्तन पांच प्यारों के नेतृत्व और श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छत्र छाया में इतिहासिक गुरुद्वारा रामसर साहिब से आरंभ होकर गुरु नगरी के विभिन्न हिस्सों से होता हुआ, सच्चखंड श्री हरमंदिर साहिब में संपन्न हुआ. गुरु अर्जुन देव जी ने आज से करीब 416 वर्ष पूर्व गुरुग्रंथ साहिब में गुरु नानक देव जी की बाणी को संकलित किया था. आज ही के दिन गुरु ग्रंथ साहिब को गुरुद्वारा रामसर साहिब से श्री सच्चखंड हरमंदिर साहिब के पहले ग्रंथी बाबा बुड्ढा जी ने नगर कीर्तन निकालते हुए सच्चखंड श्री हरमंदिर साहिब में प्रकाश किया था. इस मौके अकाल तख्त साहिब पर बाबा हरनाम सिंह ने पहले प्रकाश पर्व बारे जानकारी देते हुए आज के पावन दिवस की बधाई दी, वहीं उन्होंने सिख कौम को गुरु साहिबानों की ओर से दिखाए गए रास्ते पर चलने की अपील की.
Source : News Nation Bureau