विरोध के बीच मोदी सरकार ने जगन्नाथ मंदिर के लिए वापस लिया विरासत बायलॉज
व्यापक विरोध के बाद केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने सोमवार को ओडिशा में जगन्नाथ मंदिर के लिए राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण द्वारा जारी विरासत उपनियमों (बायलॉज) पर मसौदा अधिसूचना को वापस लेने की घोषणा की.
भुवनेश्वर:
व्यापक विरोध के बाद केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल (Central Culture and Tourism Minister Prahlad Singh Patel) ने सोमवार को ओडिशा में जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) के लिए राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए) द्वारा जारी विरासत उपनियमों (Heritage Byelaws - बायलॉज) पर मसौदा अधिसूचना को वापस लेने की घोषणा की. यह फैसला राज्य के बीजू जनता दल (Biju Janta Dal) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसदों के प्रतिनिधिमंडलों ने पटेल से अलग से मुलाकात कर विवादास्पद उपनियमों को वापस लेने की मांग की है. केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) और प्रताप सारंगी (Pratap Sarangi) और ओडिशा के भाजपा सांसदों (Odisha BJP MPs) ने मुझसे मुलाकात की और पुरी पर ड्राफ्ट नोटिफिकेशन (Draft Notification) के बारे में जानकारी दी. एनएमए अध्यक्ष की जानकारी के बिना अधिसूचना जारी कर दी गई. मंत्री ने ट्वीट कर कहा, इसे तुरंत वापस ले लिया जाता है. एक अन्य ट्वीट में मंत्री ने बताया कि जब भी पुरी (Puri) के संबंध में कोई कार्रवाई की जाएगी, उसे आपसी सहमति से लिया जाएगा.
विशेष रूप से, राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (National Monument Authority - एनएमए) जगन्नाथ मंदिर के लिए विरासत उपनियमों के साथ आया था जिसमें मंदिर के आसपास 100 मीटर क्षेत्र को निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया था जहां कोई निर्माण नहीं किया जा सकता है.
विशेष रूप से, तीर्थ नगरी को विश्वस्तरीय विरासत स्थल बनाने के लिए जगन्नाथ मंदिर परिधि के विकास परियोजनाओं और सौंदर्यीकरण के स्कोर चल रहे हैं. इससे पहले सोमवार को Covid-19 Epidemic के बाद पहली बार 12वीं सदी के मंदिर का दौरा करने आए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (CM Naveen Patnaik) ने कहा, भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) के काम को कोई नहीं रोक सकता.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को कानून की अधिसूचना वापस लेनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा, मैं पुरी के लोगों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने श्री मंदिर के विकास के लिए अपनी भूमि का बलिदान दिया है. उनके बलिदान बेकार नहीं जाएंगे. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने रविवार को एनएमए सदस्य सचिव को पत्र लिखकर जगन्नाथ मंदिर के लिए हेरिटेज उपनियमों (Heritage Byelaws) पर अधिसूचना का मसौदा वापस लेने का अनुरोध किया.
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