Mahashivratri 2022: इस दिन बेलपत्र तोड़ने से जीवन में आती है अशुभता, ग्रह दोष से भाग्य को लग जाता है ताला
भगवान शिव की अति प्रिय चीज़ों में बेलपत्र का स्थान सर्वप्रथम है. लेकिन बेलपत्र चढ़ाते वक्त आपकी एक चूक न सिर्फ आपके व्रत और आपकी पूजा को दूषित कर सकती है बल्कि महादेव को भी रुष्ट कर सकती है और आपके सौभाग्य को दुर्भाग्य में परिवर्तित कर सकती है.
नई दिल्ली :
Mahashivratri 2022: भगवान शिव को जो चीजें सबसे प्रिय होती हैं, बेलपत्र का स्थान उसमें सर्वप्रथम है. शिवजी की पूजा में बेलपत्र चढ़ाना सबसे जरूरी होता है (Importance Of Belpatra). लेकिन बेलपत्र को चढ़ाने में कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है. बेलपत्र चढ़ाते वक्त आपकी एक चूक न सिर्फ आपके व्रत और आपकी पूजा को दूषित कर सकती है बल्कि महादेव को भी रुष्ट कर सकती है. ऐसे में आज हम बेलपत्र के संबंध में जरूरी बातों को आपको बताने जा रहे हैं.
यह भी पढ़ें: Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि के दिन पूजन में वर्जित हैं ये चीज़ें, इस्तेमाल न करके भोलेनाथ के कोप से बचें
कई बार देखने में आता है कि बेलपत्र एक, 3 या फिर 5 पत्र वाला भी होता है. शास्त्रों में बताया गया है कि बेलपत्र जितने अधिक पत्र वाला होता है उतना ही अच्छा होता है. इसलिए शिवजी को बेलपत्र चढ़ाने में कम से कम यह 3 पत्र वाला होना चाहिए. जब यह 3 पत्र पूरे होते हैं तो इसे एक बेलपत्र माना जाता है. शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए बेलपत्र चुनते वक्त यह देख लें कि बेलपत्र पर अधिक धारियां नहीं होनी चाहिए. बेलपत्र के बहुत से पत्तों पर चक्र और धारियां होती हैं जिन्हें पूजा में प्रयोग नहीं करना चाहिए. कहते हैं चक्र और वज्र वाले बेलपत्र को खंडित माना जाता है.
महाशिवरात्रि पर बेलपत्र चढ़ाने के लिए छंटते वक्त यह देख लें कि बेलपत्र कहीं से भी कटा फटा नहीं होना चाहिए. अगर आप अधिक बेलपत्र नहीं छाता पाएं हैं तो एक बेलपत्र से भी काम चला सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि यह कहीं से भी कटा या फिर आधा अधूरा नहीं होना चाहिए. बेलपत्र चढ़ाने में एक बात का ध्यान रखें कि बेलपत्र का जो भाग चिकना हो उसी भाग को शिवलिंग के ऊपर रखना चाहिए। शास्त्रों में बताया गया है कि अगर आपके पास बेलपत्र अधिक नहीं हैं तो एक आप एक ही बेलपत्र को अपने धोकर बार बार चढ़ा सकते हैं. कभी भी शिवलिंग पर बिना जल चढ़ाएं बेलपत्र न अर्पित करें.
शास्त्रों में बेलपत्र को तोड़ने को लेकर यह नियम बताया गया है कि कभी भी बेलपत्र सोमवार या फिर चतुर्दशी को नहीं तोड़ना चाहिए. आपको बता दें कि इस बार महाशिवरात्रि मंगलवार की पड़ रही है तो इस बार आपको रविवार को ही बेलपत्र तोड़ कर रख लेना चाहिए. क्योंकि आज सोमवार है और उसके अगले दिन मंगलवार को चतुर्दशी यानी कि महाशिवरात्रि है. कहते हैं कि सोमवार और चतुर्दशी तिथि को बेलपत्र तोड़कर शिवलिंग पर चढ़ाने वाले से शिवजी अप्रसन्न होते हैं. इसके अतिरिक जीवन में न सिर्फ अशुभता और अशांति का वास होता है बल्कि ग्रह दोष के चलते सौभाग्य पर भी टला लग जाता है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Pramanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Shri Premanand ji Maharaj: मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है? जानें प्रेमानंद जी महाराज से
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
May 2024 Vrat Tyohar List: मई में कब है अक्षय तृतीया और एकादशी? यहां देखें सभी व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट