Magh Gupt Navratri 2025: अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 30 जनवरी 2025 से माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है जिसे इस साल के पहले नवरात्र कहा जाएगा. हिंदू धर्म में एक साल में 4 नवरात्रि पर्व आते हैं, जिसमें से दो माघ और आषाढ़ के गुप्त नवरात्रि होते हैं और दो चैत्र और शारदीय नवरात्रि तिथि पड़ती हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ माह के गुप्त नवरात्रि अंतिम नवरात्रि होते हैं और चैत्र माह की नवरात्रि तिथि से नए साल की शुरुआत मानी जाती है. गुप्त नवरात्रि में देवी दूर्गा की 10 महाविद्याओं की साधन कर अघोरी और अन्य साधु-संत तरह-तरह की सिद्धियां हासिल करते हैं. देवी दुर्गा की 10 महाविद्याएं (10 Mahavidyas) भारतीय तंत्र और आध्यात्मिक साधना में प्रमुख स्थान रखती हैं. ये महाविद्याएं विभिन्न प्रकार की शक्तियों, सिद्धियों और आत्मिक जागरण का प्रतीक हैं. प्रत्येक महाविद्या के साथ जुड़ी साधनाएं अलग-अलग सिद्धियां और मनोकामनाओं की पूर्ति करती हैं. आइए जानते हैं इन महाविद्याओं का महत्व और उनसे प्राप्त होने वाली सिद्धियां.
देवी दुर्गा की 10 महाविद्याएं (What are the devis of Dasha Mahavidya)
1. काली
देवी काली विनाश और पुनर्जन्म की प्रतीक हैं. इनकी साधना से मनुष्य को भय, शत्रुओं और आंतरिक नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है. गुप्त नवरात्रि में इनकी साधना से भय और मृत्यु पर विजय की सिद्धि प्राप्त की जा सकती है.
2. तारा
ज्ञान और सृजन की शक्ति प्रदान करने वाली देवी तारा की सिद्धि भी इस दौरान साधक पाने के लिए तंत्र साधना करते हैं. तारा देवी से आध्यात्मिक ज्ञान, वाणी पर नियंत्रण और रचनात्मकता की शक्ति प्राप्त होती है.
3. त्रिपुर सुंदरी (शोडशी)
त्रिपुर सुंदरी की साधना से प्रेम, सुंदरता और सौभाग्य की सिद्धि मिलती है. इनकी साधना से जीवन में सौंदर्य, आकर्षण और भौतिक सुख-संपदा प्राप्त होती है.
4. भुवनेश्वरी
भुवनेश्वरी महाविद्या की बात करें को इनकी साधना करने वाले जातक को भौतिक और आध्यात्मिक समृद्धि पाने में मदद मिलती है. देवी भुवनेश्वरी से संसार के समस्त भौतिक सुख और मानसिक शांति प्राप्त होती है.
5. छिन्नमस्ता
छिन्नमस्ता सिद्धि से ऊर्जा और बल मिलता है. छिन्नमस्ता की साधना करने वाला व्यक्ति आत्मबल, साहस और कठिन परिस्थितियों से लड़ने की शक्ति पाता है.
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6. भैरवी
सफलता और शत्रु नाश भैरवी सिद्धि की जाती है. भैरवी देवी की साधना से जीवन में शत्रुओं पर विजय और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है.
7. धूमावती
विपत्तियों से मुक्ति पाना चाहते हैं तो आप इस बार गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) के दौरान धूमावती माता की पूजा करें. धूमावती देवी की साधना से कठिनाइयों से पार पाया जा सकता है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है.
8. बगलामुखी
शत्रु नाश और वाक् सिद्धि की कामना से बगलामुखी साधना की जाती है. बगलामुखी देवी की साधना से शत्रुओं को परास्त किया जा सकता है और वाणी में अपार शक्ति प्राप्त होती है.
9. मातंगी
कला और संगीत में निपुणता की सिद्धि मातंगी देवी से प्राप्त होती है. देवी मातंगी की साधना से वाणी, संगीत, कला और विद्या में प्रवीणता प्राप्त होती है.
10. कमला
धन और ऐश्वर्य की कामना रखने वाले जातक कमला सिद्धि पाने के लिए साधना करते हैं. देवी कमला से भौतिक संपन्नता, समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है.
देवी दुर्गा की 10 महाविद्याएं भौतिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकार की सिद्धियों का मार्ग प्रशस्त करती हैं. इनकी साधना करने से मनुष्य को जीवन में संतुलन, शांति और शक्ति प्राप्त होती है. तंत्र और साधना के इस गहन मार्ग में हर महाविद्या का विशेष महत्व है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)