Magh Gupt Navratri 2025: सनातन धर्म में 4 बार नवरात्रि तिथि आती है, जिनमें से दो बार गुप्त नवरात्रे होते हैं. माघ मास के गुप्त नवरात्रे विशेष रूप से साधकों और तांत्रिक क्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं. ये नवरात्रि देवी दुर्गा की गुप्त साधना और उनकी कृपा प्राप्त करने का उत्तम समय होता है. अगर आप इस बार किसी मनोकामना पूर्ति के लिए देवी की आराधना करना चाहते हैं तो घटस्थापना के शुभ मुहूर्त से लेकर पूजा विधि से जुड़े सब नियम जान लें.
माघ गुप्त नवरात्रि घटस्थापना
प्रतिपदा तिथि जनवरी 29, 2025 को 06:05 पी एम बजे प्रारंभ होगी तो जनवरी 30, 2025 को शाम 04:10 पी एम बजे तक रहेगी. उदयातिथि को ध्यान में रखते हुए माघ घटस्थापना बृहस्पतिवार, जनवरी 30, 2025 को की जाएगी.
घटस्थापना मुहूर्त सुबह 09:25 ए एम से 10:46 ए एम का है. आप इस 01 घण्टा 21 मिनट के बीच में पूजा कर लें.
घटस्थापना अभिजित मुहूर्त 12:13 पी एम से 12:56 पी एम का है. दूसरा शुभ मुहूर्त में आपको घटस्थापना के लिए 43 मिनट मिलेंगे.
घटस्थापना की विधि
कलश स्थापना के लिए मिट्टी के बर्तन में पवित्र मिट्टी डालें और उसमें जौ बोएं. एक तांबे या मिट्टी के कलश में गंगा जल भरें और उस पर आम के पत्ते लगाकर नारियल रखें. कलश को देवी दुर्गा का प्रतीक मानकर स्थापित करें.
अब विधि-विधान से देवी का आवाहन करें. मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीप जलाएं, फिर उन्हे फूल, चंदन, कुमकुम और अक्षत चढ़ाएं. इसके बाद आप गुप्त साधना प्रारंभ कर सकते हैं. गुप्त नवरात्रि के दौरान देवी के मंत्रों का जाप करने का भी विशेष महत्व होता है.
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे.
ॐ दुं दुर्गायै नमः.
इस नवरात्रि में मां के दस महाविद्याओं (जैसे काली, तारा, बगलामुखी) की साधना का विशेष महत्व है. गुप्त नवरात्रि में देवी की साधना से मनोकामनाओं की पूर्ति, शक्ति की प्राप्ति और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है. यह साधना तांत्रिक क्रियाओं और सिद्धियों के लिए बेहद प्रभावी मानी जाती है. गुप्त नवरात्रि की साधना के दौरान नियमों का पालन करें और शुद्धता का ध्यान रखें. साधना को गुप्त रखना इस पर्व की विशेषता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)