16 अगस्‍त से खुल रहा मां वैष्‍णो देवी का दरबार, जानें माता रानी की महिमा के बारे में

कोरोना महामारी (Corona epidemic) के चलते देश के अन्‍य धार्मिक स्‍थलों की तरह माता वैष्णो देवी मंदिर को भी बंद कर दिया गया था. अब अनलॉक- 3 (Unlock-3) में 16 अगस्त से मां वैष्णो देवी मंदिर फिर से खुलने जा रहा है.

author-image
Sunil Mishra
New Update
vaishno-devi

16 अगस्‍त से खुल रहा मां वैष्‍णो देवी का दरबार, जानें माता की महिमा( Photo Credit : File Photo)

कोरोना महामारी (Corona epidemic) के चलते देश के अन्‍य धार्मिक स्‍थलों की तरह माता वैष्णो देवी मंदिर को भी बंद कर दिया गया था. अब अनलॉक- 3 (Unlock-3) में 16 अगस्त से मां वैष्णो देवी मंदिर (Maa Vaishno Devi Temple) फिर से खुलने जा रहा है. हालांकि एसओपी का पालन करना अनिवार्य होगा. 17 मार्च को अंतिम बार भक्तों को माता के दर्शन के लिए भेजा गया था, जिसके बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए गये थे.

Advertisment

यह भी पढ़ें : मां वैष्णो देवी के भक्तों की मनोकामनाएं होंगी पूरी, मंदिर में लगेगा सोने का दरवाजा

फिलहाल केवल जम्मू-कश्मीर के लोगों को ही माता वैष्णो देवी का दर्शन करने की अनुमति होगी और बाहरी राज्‍यों के श्रद्धालु अभी माता के दर्शन नहीं कर पाएंगे. जो भक्‍त माता के दर्शन करने जाएंगे, उनका पहले कोरोना टेस्‍ट कराया जाएगा. कोरोना टेस्‍ट के बाद ही भक्तों को माता के दर्शन की इजाजत दी जाएगी. हालांकि अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि एक दिन में कितने लोग माता के दर्शन कर सकेंगे, लेकिन माना जा रहा है कि जल्‍द ही इस बारे में भी फैसला हो सकता है.

वैष्‍णो देवी की महिमा
धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार, मां वैष्णो देवी मंदिर का निर्माण करीब 700 साल पहले हुए था. वहां श्रीधर नाम के एक पुजारी थे. मां के प्रति उनकी भक्‍ति अपार थी. एक दिन श्रीधर को सपना आया कि वो वैष्णो देवी को समर्पित भंडारा का आयोजन करे. श्रीधर ने भंडारे के लिए गांव के लोगों से सामग्री जमा की और भंडारे का आयोजन किया. भंडारे के लिए बहुत कम सामग्री मिली, लेकिन भंडारे में लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही थी. श्रीधर परेशान थे, लेकिन माता में उनकी आस्‍था थी. वे झोपड़ी के बाहर आकर पूजा करने लगे.

यह भी पढ़ें : स्वच्छता के मामले में सबसे टॉप पर पहुंचा माता वैष्णो देवी का मंदिर, मिलेगा ये विशेष सम्मान

इसी दौरान श्रीधर ने एक छोटी लड़की को झोपड़ी से बाहर आते देखा, जिसका नाम वैष्‍णवी था. पूजा में मशगूल श्रीधर ने देखा कि वैष्‍णवी ने वहां पर उपस्‍थित सभी लोगों को बड़े ही प्यार से भोजन कराया और श्रीधर का भंडारा अच्‍छे से संपन्‍न हो गया. भंडारा खत्‍म होने के बाद वैष्‍णवी नाम की वह लड़की कहीं दिखाई नहीं दी. एक दिन वह लड़की श्रीधर के सपने में आई, तब पुजारी को समझ में आया कि वह माता का रूप थी.

सपने में वैष्‍णवी ने श्रीधर को एक गुफा के बारे में बताया और श्रीधर को चार बेटों का वरदान भी दिया. इसके बाद श्रीधर मां की गुफा की खोज में निकल पड़ा. गुफा मिली तो उसने तय किया कि वह सारा जीवन मां की सेवा करेगा. उसी जगह को वैष्णव देवी धाम के नाम से जाना जाता है.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं.)

Source : News Nation Bureau

मां वैष्‍णो देवी लॉकडाउन Corona Epidemic कोरोनावायरस Maa Vaishno Devi
      
Advertisment