Maa Skandmata: मां स्कंदमाता की कृपा से पाएं संतान सुख - पूजा विधि, मंत्र, और शुभ मुहूर्त
Maa Skandmata: मां स्कंदमाता की पूजा से संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है, जो भक्तों के जीवन में सुख और समृद्धि का स्रोत बनता है. उनकी कृपा से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में समृद्धि का माहौल बनता है.
नई दिल्ली:
Maa Skandmata: स्कंद माता की आराधना से संतान सुख प्राप्ति हो सकती है. स्कंद माता का उपासना करने से भक्तों को संतान प्राप्ति में सहायता मिल सकती है. उनकी कृपा से प्राणी को संतान सुख प्राप्ति हो सकती है और उन्हें खुशहाल जीवन मिल सकता है. स्कंद माता की आराधना में विश्वास रखते हुए और पूजा-अर्चना करते हुए भक्तों को संतान सुख प्राप्ति की प्राप्ति हो सकती है. नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा का विशेष महत्व है.
विशेष रूप से, संतान प्राप्ति के लिए मां स्कंदमाता की पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है. इनकी उपासना से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं, ज्ञान और बुद्धि प्राप्त होती है, और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है. नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा करने का विस्तृत मार्गदर्शन दिया गया है, जिसमें पूजा मुहूर्त, विधि और ये मंत्र हैं.
पूजा मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:45 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक
अवधि: 2 घंटे 45 मिनट
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:30 बजे से दोपहर 1:15 बजे तक
अवधि: 45 मिनट
आप इनमें से किसी भी मुहूर्त में पूजा नहीं कर सकते हैं, तो आप अपनी सुविधानुसार किसी भी अन्य शुभ समय में पूजा कर सकते हैं.
पूजा विधि
सबसे पहले, स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. पूजा स्थल को साफ करें और सजाएं. एक चौकी या वेदी स्थापित करें. वेदी पर मां स्कंदमाता की प्रतिमा या तस्वीर रखें. वेदी को लाल या पीले रंग के कपड़े से ढकें. पूजा के लिए आवश्यक सभी सामग्री इकट्ठा करें.
पूजा सामग्री
दीपक: घी या तेल का दीपक.
धूप: अगरबत्ती या धूपबत्ती.
फूल: गुलाब, कमल, या कोई अन्य मौसमी फूल.
फल: केला, नारंगी, या कोई अन्य मौसमी फल.
मिठाई: खीर, लड्डू, या कोई अन्य मिठाई.
नैवेद्य: पूरी, सब्जी, या कोई अन्य व्यंजन.
जल: ताजे पानी का कलश.
रोली: कुमकुम.
चावल: अक्षत.
सुगंध: इत्र या चंदन.
कपूर: कपूर की टिक्की.
घंटी: पूजा घंटी.
मंत्र पुस्तिका: मां स्कंदमाता के मंत्रों की पुस्तिका.
पूजा विधि:
सबसे पहले, मां स्कंदमाता की प्रतिमा या तस्वीर को स्नान कराएं. फिर, उन्हें रोली, चावल, और सुगंध अर्पित करें. दीपक, धूप, और फूल जलाएं. नैवेद्य और फल अर्पित करें. मां स्कंदमाता के मंत्रों का जाप करें. मां स्कंदमाता से संतान प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें. आरती गाएं. प्रसाद वितरित करें.
मां स्कंदमाता के मंत्र
ॐ क्लीं स्कंदमातयै नमः
जय स्कंदमाता जगदम्बा
या देवी सर्वभूतेषु स्कंदमाता रूपेण संस्थिता
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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