Laddu Gopal Chalisa 2022 : लड्डू गोपाल चालीसा का करें पाठ, चंद क्षणों में होगी मनोकामना पूरी
भगवान कृष्ण सभी के अराध्य माने जाते हैं
नई दिल्ली :
Laddu Gopal Chalisa 2022 : भगवान कृष्ण सभी के अराध्य माने जाते हैं. सभी के सबसे प्रिय सखा में से एक माने जाते हैं. इनकी लीला अपरंपार है. अपेन भक्तिों की भलाई के लिए और उनकी रक्षा करने के लिए उन्होंने कई ऐसे काम किए हैं, जिससे भक्त उनसे बेहद प्रेम करते हैं. जिनका वर्णन धार्मिक ग्रंथों में देखने को मिलता है. जहां उन्होंने पुतना से लेकर कंस तक का वध किया था और महाभारत में अर्जून का मार्गदर्शन किया था. भगवान श्रीकृष्ण को भगावन विष्णु का अवतार माना जाता है. जिसमें से उनका एक रूप और बेहद प्रिय है लड्डू गोपाल. लड्डू गोपाल सभी के बेहद प्रिय हैं. कई लोग तो इनकी अपने बच्चे की तरह सेवा करता है. को आइए आज हम आपको अपने इस लेख में लड्डू गोपाल चालिसा के बारे में बताएंगे, जिसे करने से आपकी सारी मनोकामना पूरी होगी और धन, बल, ऐश्वर्य में वृद्धि होगी.
लड्डू गोपाल चालिसा का करें पाठ
।।दोहा।।
श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल।
वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल।।
।। चौपाई।।
जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी।
जो कोई तुम्हरी लीला गावै, बिन श्रम सकल पदारथ पावै।
श्री वसुदेव देवकी माता, प्रकट भये संग हलधर भ्राता ।
मथुरा सों प्रभु गोकुल आये, नन्द भवन मे बजत बधाये ।
जो विष देन पूतना आई, सो मुक्ति दै धाम पठाई ।
तृणावर्त राक्षस संहारयौ, पग बढ़ाय सकटासुर मार्यौ ।
खेल खेल में माटी खाई, मुख मे सब जग दियो दिखाई ।
गोपिन घर घर माखन खायो, जसुमति बाल केलि सुख पायो ।
ऊखल सों निज अंग बँधाई, यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई ।
बका असुर की चोंच विदारी, विकट अघासुर दियो सँहारी ।
ब्रह्मा बालक वत्स चुराये, मोहन को मोहन हित आये ।
बाल वत्स सब बने मुरारी, ब्रह्मा विनय करी तब भारी ।
काली नाग नाथि भगवाना, दावानल को कीन्हों पाना ।
सखन संग खेलत सुख पायो, श्रीदामा निज कन्ध चढ़ायो ।
चीर हरन करि सीख सिखाई, नख पर गिरवर लियो उठाई ।
दरश यज्ञ पत्निन को दीन्हों, राधा प्रेम सुधा सुख लीन्हों ।
नन्दहिं वरुण लोक सों लाये, ग्वालन को निज लोक दिखाये ।
शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई, अति सुख दीन्हों रास रचाई ।
अजगर सों पितु चरण छुड़ायो, शंखचूड़ को मूड़ गिरायो ।
हने अरिष्टा सुर अरु केशी, व्योमासुर मार्यो छल वेषी ।
व्याकुल ब्रज तजि मथुरा आये, मारि कंस यदुवंश बसाये ।
मात पिता की बन्दि छुड़ाई, सान्दीपन गृह विघा पाई ।
पुनि पठयौ ब्रज ऊधौ ज्ञानी, पे्रम देखि सुधि सकल भुलानी ।
कीन्हीं कुबरी सुन्दर नारी, हरि लाये रुक्मिणि सुकुमारी ।
भौमासुर हनि भक्त छुड़ाये, सुरन जीति सुरतरु महि लाये ।
दन्तवक्र शिशुपाल संहारे, खग मृग नृग अरु बधिक उधारे ।
दीन सुदामा धनपति कीन्हों, पारथ रथ सारथि यश लीन्हों ।
गीता ज्ञान सिखावन हारे, अर्जुन मोह मिटावन हारे ।
केला भक्त बिदुर घर पायो, युद्ध महाभारत रचवायो ।
द्रुपद सुता को चीर बढ़ायो, गर्भ परीक्षित जरत बचायो ।
कच्छ मच्छ वाराह अहीशा, बावन कल्की बुद्धि मुनीशा ।
ह्वै नृसिंह प्रह्लाद उबार्यो, राम रुप धरि रावण मार्यो ।
जय मधु कैटभ दैत्य हनैया, अम्बरीय प्रिय चक्र धरैया ।
ब्याध अजामिल दीन्हें तारी, शबरी अरु गणिका सी नारी ।
गरुड़ासन गज फन्द निकन्दन, देहु दरश धु्रव नयनानन्दन ।
देहु शुद्ध सन्तन कर सग्ड़ा, बाढ़ै प्रेम भक्ति रस रग्ड़ा ।
देहु दिव्य वृन्दावन बासा, छूटै मृग तृष्णा जग आशा ।
तुम्हरो ध्यान धरत शिव नारद, शुक सनकादिक ब्रह्म विशारद ।
जय जय राधारमण कृपाला, हरण सकल संकट भ्रम जाला ।
बिनसैं बिघन रोग दुःख भारी, जो सुमरैं जगपति गिरधारी ।
जो सत बार पढ़ै चालीसा, देहि सकल बांछित फल शीशा ।
।। छन्द।।
गोपाल चालीसा पढ़ै नित, नेम सों चित्त लावई ।
सो दिव्य तन धरि अन्त महँ, गोलोक धाम सिधावई ।।
संसार सुख सम्पत्ति सकल, जो भक्तजन सन महं चहैं ।
ट्टजयरामदेव’ सदैव सो, गुरुदेव दाया सों लहैं ।।
ये भी पढ़ें-Rashifal 2023: नए साल के पहले दिन पहनें इस रंग के कपड़े, शुभ होंगे सभी काम
।। दोहा ।।
प्रणत पाल अशरण शरण, करुणा-सिन्धु ब्रजेश ।
चालीसा के संग मोहि, अपनावहु प्राणेश ।।
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Aaj Ka Panchang 2 May 2024: क्या है 2 मई 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Love Rashifal 2 May 2024: प्रेम और वैवाहिक जीवन के लिए कैसा रहेगा गुरुवार का दिन, पढ़ें लव राशिफल
-
May 2024 Career Rashifal: मई में इन 5 लोगों का चमक जाएगा करियर, मिलेगी जोरदार सफलता
-
May 2024 Masik Rashifal: आप सभी के लिए मई का महीना कैसा रहेगा? पढ़ें संपूर्ण मासिक राशिफल