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Krishna Chhathi 2025
Krishna Chhathi 2025: भगवान श्रीकृष्ण की छठी पर कढ़ी-चावल का भोग लगाने की परंपरा का एक विशेष महत्व है. वहीं कढ़ी- चावल को भगवान कृष्ण का प्रिय भोजन माना जाता है और इसे बला स्वरूप को अर्पित करने का रिवाज है. कृष्ण की छठी के दिन घरों और मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है और भगवान श्रीकृष्ण की विशेष झांकी सजाई जाती है. कान्हा की छठी को बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए विशेष रूप से मनाया जाता है और इस दिन को भक्तों द्वारा बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. आइए आपको कि कृष्ण छठी पर कढ़ी चावल का भोग क्यों लगाया जाता है.
हिंदू धर्म में महत्व
श्रीकृष्ण छठी का महत्व हिंदू धर्म में बहुत खास है, क्योंकि यह भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद छठवें दिन के रूप में मनाया जाता है. इस पर्व का मुख्य उद्देश्य कान्हा के जन्म का उत्सव मनाना और उनकी बाल लीलाओं को याद करना है. इस दिन माताएं अपने बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य, लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करती हैं. श्रीकृष्ण छठी पर व्रत रखने और पूजा करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है. मान्यता है कि इस दिन उपवास रखने और श्रीकृष्ण को कढ़ी-चावल का भोग लगाने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर कृपा करते हैं.
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क्यों लगता है कढ़ी-चावल का भोग?
भगवान श्रीकृष्ण की छठी पर कढ़ी-चावल का भोग लगाने की परंपरा का एक विशेष महत्व है. कढ़ी-चावल को भगवान कृष्ण का प्रिय भोजन माना जाता है और इसे उनके बाल स्वरूप को अर्पित करने का रिवाज है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप को सादा, सात्विक और पोषण से भरपूर भोजन पसंद था और कढ़ी-चावल इसी श्रेणी में आता है. इसके अलावा, कढ़ी-चावल हल्का, सुपाच्य और पौष्टिक होता है, जिसे बच्चे भी आसानी से खा सकते हैं, इसलिए श्रीकृष्ण की छठी के दिन कढ़ी-चावल का भोग लगाकर भगवान के प्रति श्रद्धा व्यक्त की जाती है और उनकी कृपा प्राप्त करने की कामना की जाती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)