कृष्ण की छठी पर बन रहा है पुष्प योग, जानिए पूजा की विधि और भोग लगाने का समय

Krishna Chhathi 2025: हर साल जन्माष्टमी के त्योहार के बाद कृष्ण भक्त बड़े ही धूमधाम से उनकी छठी मनाते हैं. कान्हा जी की छठी भी वैसे ही होती है, जैसे आमतौर पर हम सनातन धर्म के अनुसार बच्‍चे के जन्‍म के बाद उसकी छठी करते हैं.

Krishna Chhathi 2025: हर साल जन्माष्टमी के त्योहार के बाद कृष्ण भक्त बड़े ही धूमधाम से उनकी छठी मनाते हैं. कान्हा जी की छठी भी वैसे ही होती है, जैसे आमतौर पर हम सनातन धर्म के अनुसार बच्‍चे के जन्‍म के बाद उसकी छठी करते हैं.

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Nidhi Sharma
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Krishna Chhathi 2025

Krishna Chhathi 2025: कृष्ण छठी का त्योहार हर साल जन्माष्टमी के छठे दिन मनाया जाता है. कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी के बाद छठी हमेशा भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है. इस बार 21 अगस्त को भगवान की छठी मनाई जाएगी. इस दिन कान्हा जी को नई पोशाक धारण कराई जाती है और उनका पूरा पूर्ण श्रंगार किया जाता है. महिलाएं इस दिन कान्हा के लिए बधाई गीत गाती हैं. वहीं हर साल छठी के दिन कान्हा जी को कढ़ी चावल का भोग लगाया जाता है. आइए आपको पूजा की विधि और भोग लगाने का सही समय बताते हैं. 

पूजा का शुभ मुहूर्त

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जिन लोगों ने कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी का व्रत रखा है, वे लोग 22 को छठी मना सकते हैं. इस दिन पूजा के शुभ मुहर्त के बारे में बात करें तो इस दिन सुबह 11:58 से 12:50 तक का अभिजीत मुहूर्त सबसे शुभ रहेगा.

इस दिन रहेंगे ये योग

इस दिन पूर्वा भाद्रपद रहेगा , जो रात 12:33 बजे तक होगा. वहीं कान्हा की छठी के समय शाम को सुकर्मा योग रहेगा. इस दिन चंद्रमा कर्क राशि में रहेंगे. राहुकाल का समय दोपहर 2.05 बजे से 3.40 मिनट तक रहेगा.इस दिन भाद्रपद कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि है. इस बार कान्हा की छठी पर पुष्य नक्षत्र रहेगा, जो देर रात 12.08 मिनट से रहेगा. इसके अलावा इस दिन व्यातीपात योग और शाम के समय जब कान्हा की छठी होगा, वरीयान योग रहेगा. मंदिरों में इस दिन विशेष कार्यक्रम होते हैं. शाम के समय कढ़ी चावल का भोग लगाया जाता है.

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6 दिन बाद छठी

हिंदु मान्यताओं के मुताबिक, ऐसा कहा जाता है, कि जब किसी बच्चे का घर में जन्म होता है तो उसके 6 दिन बाद छठी होती है, उसी तरह इस दिन शाम के समय स्नान करवाकर षष्ठी मैया की विधि विधान से पूजा की जाती है. ऐसा कहते हैं कि इस दिन षष्ठी मैया से बच्चे को अच्छा जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस दिन कढ़ी चावल से भोग लगाया जाता है. कहा जाता है कि पूतना छठी के दिन ही लाला को स्तनपान कराने आयी थी .

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.) 

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