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Astrological Food Remedies: खाने के स्वाद को लेकर हो रही है गड़बड़, जानें इससे जुड़ी अहम बातें

आयुर्वेद के अनुसार (planetary positions in kundli) छह प्रकार के स्वाद होते हैं. हर स्वाद में पांच में से दो तत्वों का मिश्रण होता है जिससे उस स्वाद की ऊर्जा और विशेषता (importance of planets in human life) तय की जा सकती है.   

Updated on: 08 May 2022, 12:50 PM

नई दिल्ली:

स्वाद और ग्रहों (astrological food remedies) का बहुत पुराना कनेक्शन जानने के पहले ज्योतिष और आयुर्वेद (taste and planet connection) के दृष्टिकोण से वात, पित्त और कफ के बारे में भी जानना चाहिए. इन तीनों को त्रिदोष कहा जाता है जिसका लोगों पर उल्टा प्रभाव पड़ता है और इनका स्वास्थ्य (do planets affect human behavior) से सीधा संबंध होता है. इसके साथ ही पंच तत्वों और ऋतुओं के बारे में भी समझना जरूरी है. आयुर्वेद के अनुसार छह प्रकार के स्वाद होते हैं. हर स्वाद में पांच में से दो तत्वों का मिश्रण होता है जिससे उस स्वाद की ऊर्जा और विशेषता (importance of planets in human life) तय की जा सकती है.   

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ग्रहों से स्‍वाद का कनेक्शन  

मंगल- पित्त प्रधान होता है इसका स्वाद तीखा होता है और यह अग्नि तत्व है. इसकी ऋतु ग्रीष्म है.  

सूर्य- मुख्‍यतः पित्त एवं कुछ अंश वात का रखता है. यह तत्व अग्नि हैं. ऋतु ग्रीष्म और स्वाद कड़वा होता है. 

बुध- वात, पित्त एवं कफ त्रदोषो का संगम है. स्वाद इसका मिलाजुला होता है. तत्व पृथ्वी है और ऋतु शरद है.   

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बृहस्पति- यह मुख्यतः कफ एवं कुछ अंश में वात का प्रभाव रखता है और स्वाद मीठा होता है. इसका तत्व आकाश है और ऋतु हेमंत है.  

चन्द्रमा- मुख्‍यतः वात एवं कुछ अंश कफ का रखता है. इसका स्वाद नमकीन होता है. इसका तत्व जल है और ऋतु वर्षा है.

शनि- मुख्यतः वात एवं कुछ अंश में कफ होता है और स्वाद कसैला, तत्व वायु, ऋतु शिशिर (things related to planets in astrology) होती है.   

शुक्र- मुख्यतः वात परन्तु कुछ अंश में कफ प्रधान और स्वाद खट्टा होता है. तत्व जल और ऋतु वसंत होती है.