logo-image

Vastu Shastra For East Direction: वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा का महत्व क्या है जानिए

Vastu Shastra For East Direction: पूर्व की दिशा का वास्तु शास्त्र में बहुत महत्व है. इसे देवताओं की दिशा कहा जाता है. ऐसे में इस दिशा को लेकर क्या नियम हैं ये भी जान लें.

Updated on: 25 Mar 2024, 03:00 PM

New Delhi:

Vastu Shastra For East Direction: वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा को सबसे महत्वपूर्ण दिशाओं में से एक माना जाता है. इसे सूर्योदय की दिशा भी कहा जाता है, और यह सकारात्मक ऊर्जा, नई शुरुआत, और सफलता का प्रतीक है. वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा को विशेष महत्व दिया जाता है. पूर्व दिशा को सूर्य का दिशा माना जाता है, जो ऊर्जा और प्रकाश का प्रमुख स्रोत है. पूर्व दिशा का महत्व वास्तु के लिए इसलिए है कि सूर्य की ऊर्जा और प्रकाश से ग्रहण किया जाता है, जो घर की ऊर्जा को संतुलित करने में मदद करता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, एक भवन का प्रवेश द्वार पूर्व दिशा में स्थित होना चाहिए, क्योंकि यह सूर्य की ऊर्जा को घर में प्रवेश करने का मार्ग प्रदान करता है. पूर्व दिशा में प्रवेश द्वार होने से घर के अंदर की ऊर्जा संवेदनशीलता और सकारात्मकता को बढ़ाता है. इसके अलावा, पूर्व दिशा में स्थित प्रवेश द्वार से सूर्य की किरणें प्राप्त होने से घर के लोग आनंदमय और सकारात्मक रहते हैं. वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा का महत्व इसलिए है कि यह घर के ऊर्जा को संतुलित और प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह सभी निवासियों को स्वास्थ्य, समृद्धि और समृद्धि की प्राप्ति में मदद करता है. 

पूर्व दिशा में क्या रखना चाहिए:

पूजा घर: पूर्व दिशा पूजा घर के लिए सबसे शुभ दिशा मानी जाती है.

अध्ययन कक्ष: पूर्व दिशा अध्ययन कक्ष के लिए भी शुभ दिशा है.

कार्यालय: पूर्व दिशा कार्यालय के लिए भी शुभ दिशा है.

रसोईघर: पूर्व दिशा रसोईघर के लिए भी शुभ दिशा है.ॉ

स्नानघर: पूर्व दिशा स्नानघर के लिए भी शुभ दिशा है.

पूर्व दिशा में क्या नहीं रखना चाहिए: पूर्व दिशा शयनकक्ष के लिए शुभ दिशा नहीं मानी जाती है. भंडारण कक्ष के लिए भी शुभ दिशा नहीं मानी जाती है. पूर्व दिशा कूड़ेदान के लिए भी शुभ दिशा नहीं मानी जाती है. वास्तु शास्त्र में कई नियम और अपवाद हैं. यदि आप अपने घर या कार्यालय में पूर्व दिशा का उपयोग करना चाहते हैं, तो आपको पहले किसी वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए. 

पूर्व दिशा सूर्योदय की दिशा है, इसलिए यह सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत है. इस दिशा में खिड़कियां या दरवाजे होने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है. ये नई शुरुआत का प्रतीक है. अगर आप किसी नए काम की शुरुआत करना चाहते हैं, तो यह दिशा शुभ मानी जाती है. पूर्व दिशा सफलता का प्रतीक है. इस दिशा में अध्ययन कक्ष या कार्यालय होने से सफलता प्राप्त करने में मदद मिलती है. स्वास्थ्य के लिए भी शुभ मानी जाती है. इस दिशा में रसोईघर या स्नानघर होने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है. 

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Read Also:Holi Bhai Dooj 2024: होली के बाद कब है भाई दूज, जाने इसकी पौराणिक कहानी