logo-image

Sawan Sankashti Chaturthi 2022 Katha: संकष्टी चतुर्थी के दिन पढ़ेंगे ये कथा, कष्ट होंगे दूर और बरसेगी गणेश जी की कृपा

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन महीने की संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2022) 16 जुलाई को है. इस दिन गणपति जी (lord ganesha) की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखना शुभ माना जाता है. तो, चलिए इस दिन की व्रत कथा के बारे में जानते हैं. 

Updated on: 16 Jul 2022, 12:57 PM

नई दिल्ली:

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन महीने की संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2022) 16 जुलाई को है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से भगवान गणेश (Lord Ganesh) की कृपा से जीवन की विघ्न और बाधाएं दूर हो जाती हैं. इस दिन गणपति जी की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखना शुभ माना जाता है. इस बार की गजानन संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2022 date) काफी शुभ है क्योंकि जहां एक तरह सावन मास की पहली संकष्टी चतुर्थी है. 

यह भी पढ़े : Sawan Sankashti Chaturthi 2022 Mantra and Chandrodaya Samay: सावन की संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रोदय के समय इन मंत्रों का जाप दिलाएगा हर विपदा से मुक्ति

इसके साथ ही कर्क संक्रांति भी पड़ रही है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा करने से हर तरह-तरह के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है. इसके साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस दिन पूरे दिन व्रत (Sankashti Chaturthi 2022 vrat) रखने के बाद शाम को चंद्रमा की पूजा करने के बाद ही व्रत खोला जाता है.  तो, चलिए इस दिन की व्रत कथा के बारे में जानते हैं. 

यह भी पढ़े : Sawan Sankashti Chaturthi 2022: सावन की संकष्टी चतुर्थी है बेहद खास, पिता भोलेनाथ और पुत्र श्री गणेश का एक साथ इस रूप में बरसेगा आशीर्वाद

इस दिन भक्तगण सुख, शांति और समृद्धि के लिए एकदन्त दयावन्त चार भुजा धारी भगवान श्री गणेश की विधि विधान से पूजा-अर्चना करते हैं. भगवान गणेश भक्तों के लिए विघ्नहर्ता माने जाते हैं. संकष्टी चतुर्थी का व्रत (sankashti chaturthi 2022 sawan) रखने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के जीवन से विघ्न और बाधाओं को दूर कर देते हैं. 

यह भी पढ़े : Sawan Sankashti Chaturthi 2022 Date, Shubh Muhurat and Puja Vidhi: संकष्टी चतुर्थी के व्रत में अपनाएं ये पूजा विधि, लाभ होगा प्राप्त और हर मनोकामना होगी पूरी

संकष्टी चतुर्थी 2022 व्रत कथा 

सकष्टी चतुर्थी की पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान शिव (Lord Shiva) और मां पार्वती (Maa Parvati) के बीच चौपड़ खेल की प्रतियोगिता हुई. जिसके निर्णायक के रूप में माटी के एक बालक की प्रतिमा बनाई गई और उसकी प्राण-पतिष्ठा की गई. निर्णायक बालक चौपड़ के खेल में मां पार्वती को पराजित घोषित कर दिया. जिससे क्रोधित होकर मां पार्वती ने उस बालक को श्राप दे दिया. जिसके परिणामस्वरूप वह बालक पैर के दिव्यांग हो गया. बालक के श्रमायाचना पर मां पार्वती ने कहा कि दिया हुआ श्राप तो वापस नहीं होगा, लेकिन श्राप से मुक्ति के लिए कुछ उपाय करना पड़ेगा. मां पार्वती ने उस बालक को गणेश जी की पूजा करने की सलाह दी. कहा जाता है कि जब बालक ने भगवान गणेश की उपासना की तो वह श्राप मुक्त हो गया. इसलिए मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से शारीरिक और मानसिक (Sankashti Chaturthi 2022 katha) कष्ट दूर हो जाते हैं.