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Sawan 2022 Daksh Prajapati Vachan: जब दक्ष प्रजापित ने अपने वचन से महादेव को कनखल में लिया था बांध

शिव पुराण के अनुसार, जब भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं तब संसार की बागडोर भगवान शिव के हाथों में रहती है. सावन (sawan 2022) सोमवार में विशेष रूप से की जाने वाली भगवान शिव की आराधना भक्तों की सभी मनोकामना को पूरी करती है.

Updated on: 17 Jul 2022, 12:08 PM

नई दिल्ली:

हिंदू धर्म में सावन के महीने (Sawan 2022) का विशेष महत्व होता है. ये पूरा महीना भोलेनाथ को समर्पित होता है. माना जाता है कि सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ (Sawan 2022 Lord Shiva) बहुत जल्द ही प्रसन्न होते हैं. इसलिए, भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए और उनकी कृपा पाने के लिए तरह-तरह के उपायों को आजमाते (Sawan Month 2022) हैं. शिव पुराण के अनुसार, जब भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं तब संसार की बागडोर भगवान शिव के हाथों में रहती है. 

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14 जुलाई 2022 से सावन की शुरुआत हो चुकी है. ऐसी मान्यता है कि इस दौरान शिव जी (worship of Lord Shiva) कैलाश छोड़कर पृथ्वी पर आते हैं और यहीं से ब्रह्मांड का संचालन करते हैं. तो, चलिए जानते है कि सावन में धरती पर भगवान भोलेनाथ कहां निवास करते हैं. सावन सोमवार में विशेष रूप से की जाने वाली भगवान शिव की आराधना भक्तों की सभी मनोकामना को पूरी करती है. ऐसे में भगवान भोलेनाथ के भक्तों के लिए ये महीना त्योहार की तरह ही है. माना जाता है कि सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना से मनुष्य के सभी कष्ट दूर होते हैं. 

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दक्ष प्रजापति ने लिए था शिव जी से वचन

भगवान भोलेनाथ ने देवताओं के आग्रह पर राजा दक्ष को बकरे का सिर लगाकर दोबारा जीवित किया था. अपने अभिमान की माफी मांगते हुए दक्ष प्रजापति ने शिव जी से वचन लिया था कि हर साल सावन में वो यहां निवास करेंगे और उन्हें सेवा का मौका देंगे. माना जाता है कि तभी से सावन में भगवान शिव धरती पर आकर सृष्टि का संचालन करते हैं. भगवान शिव कनखल में पूरे श्रावण मास दक्षेश्वर रूप में विराजमान रहते हैं. यही वजह है कि सावन में शिव की पूजा का विशेष महत्व (sawan 2022 daksh prajapati vachan) होता है.