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Nirjala Ekadashi 2022 Vrat: निर्जला एकादशी पर इस तरह से रखेंगे व्रत, शुभ फल होगा व्रत

हिंदू धर्म में व्रत और पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. इस बार निर्जला एकादशी (nirjala ekadashi 2022 vrat) का व्रत कल 10 जून को रखा जाएगा. इस दिन का व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से वर्ष के सभी एकादशी व्रतों का पुण्य प्राप्त होता है.

Updated on: 09 Jun 2022, 02:38 PM

नई दिल्ली:

निर्जला एकादशी का व्रत कल 10 जून को रखा जाएगा. हिंदू धर्म में व्रत और पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. व्रत रखने से देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसे भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है. इस व्रत को भीम ने भी रखा था, इसलिए इसे भीमसेनी एकादशी (bhimeseni ekadashi 2022) कहते हैं. इस दिन का व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से वर्ष के सभी एकादशी व्रतों का पुण्य प्राप्त होता है. 

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निर्जला एकादशी का ऐसे करें व्रत

निर्जला का अर्थ निराहार और निर्जल रहकर व्रत करना है. इस दिन व्रती को अन्न तो क्या, जलग्रहण करना भी वर्जित है. यानी यह व्रत निर्जला और निराहार ही होता है. शास्त्रों में यह भी उल्लेख मिलता है कि संध्योपासना के लिए आचमन में जो जल लिया जाता है. उसे ग्रहण करने की अनुमति है. अत: पवित्रीकरण हेतु आचमन किए गए जल के अतिरिक्त अगले दिन सूर्योदय तक जल की बिन्दु तक ग्रहण न करें.

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तत्पश्चात अगले दिन द्वादशी तिथि में स्नान के उपरान्त पुन: विष्णु पूजन कर किसी विप्र को स्वर्ण व जल से भरा कलश व यथोचित दक्षिणा भेंट करने के उपरान्त ही अन्न-जल ग्रहण करना चाहिए या व्रत का पारण करें. ये व्रत मोक्षदायी व समस्त कामनाओं को पूर्ण करने वाला है. सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही नहीं अपितु दूसरे दिन द्वादशी प्रारंभ होने के बाद ही व्रत का पारायण किया जाता है. अतः भीषण गर्मी में पूरे एक दिन एक रात तक बिना पानी के रहना ही इस व्रत (nirjala ekadashi 2022 how to do vrat) की खासियत है.