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Prasad
सनातन धर्म में भगवान को भोग जरूर लगाया जाता है. यह एक ऐसा नियम है जिनका पालन करना जरूरी करना चाहिए. लेकिन कुछ लोग भगवान को भोग लगाने के बाद प्रसाद को वहीं छोड़ देते हैं. जो कि शास्त्रों में गलत बताया गया है. हिंदू धर्म में किसी भी तरह की पूजा में देवी देवताओं को भोग चढ़ाने का बहुत महत्व है, जिसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. भोग अर्पित करने से ही पूजा पूर्ण होती है. पूजा छोटी हो या फिर बड़ा अनुष्ठान धूप दीप के बाद भगवान को भोग प्रसाद लोगों में बांट दिया जाता है, लेकिन कुछ लोग ऐसा नहीं करते. देवी देवताओं की पूजा के साथ साथ भोग और प्रसाद के भी कई नियम हैं जिनका पालन करने पर आपको प्रभु की कृपा जरूर मिलेगी. आइए आपको बताते हैं.
इन बर्तनों में लगाएं भोग
भगवान को भोग सोने, चांदी, लकड़ी तांबे या फिर मिट्टी के पात्र में रखकर ही चढ़ाना चाहिए. स्टील के बर्तन भोग के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.भगवान को चढ़ाया हुआ भोग बाद में प्रसाद स्वरूप बांटा जाता है. इस भोग को लगाने के तुरंत बाद उठा लेना चाहिए.
इतनी देर लगाना चाहिए भोग
शास्त्रों में कहा गया है कि ताजा भोग बनाकर भगवान को लगाना चाहिए और साथ ही जल जरूर रखना चाहिए. भोग लगाने के बाद पांच मिनट के भीतर ही इसे पूजाघर से उठाकर लोगों में बांट देना चाहिए. प्रसाद जितने ज्यादा लोगों में बांटा जाएगा, इसका उतना ही शुभ फल प्राप्त होगा.
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नकारात्मक ऊर्जा
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक देवता के सामने कई घंटे तक रखा हुआ प्रसाद नकारात्मक ऊर्जा के संपर्क में आने से अशुद्ध हो जाता है. यही वजह है कि भगवान को भोग लगाने के बाद इसे तुरंत उठा लेना चाहिए. ऐसा कहा गया है कि ज्यादा देर तक प्रसाद भगवान के सामने रखे रहने से विश्वकसेन, चण्डेश्वर और चांडाली नमक शक्तियों के संपर्क में आ जाता है, जो प्रसाद को अशुद्ध कर देते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)