सावन (sawan 2022) का महीना 14 जुलाई से ही शुरू हो गया था. ऐसे में आज सावन का तीसरा सोमवार है. ऐसे में काशी के विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है. इस दिन बाबा विश्वनाथ (Varanasi News) का जलाभिषेक बेहद खास होगा. लंबे अंतराल के बाद देश की 12 पवित्र नदियों और तीन सागर के जल से अभिषेक किया जाएगा. विश्वनाथ गली व्यवसाई संघ ने सावन के तीसरे सोमवार को बाबा का विधि-विधान से जलाभिषेक (kashi vishwanath temple) करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं.
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आपको बता दें विश्वनाथ गली व्यवसायी संघ के नेतृत्व में होने वाले जलाभिषेक में इस बार विशेष तौर पर देश के विभिन्न भागों से 12 नदियों व तीन सागरों जिनमें माता गंगा के अलावा यमुना, सरस्वती (त्रिवेणी-संगम), कावेरी, ताप्ती, ब्रह्मपुत्र, अलकनंदा, वरुणा, गोदावरी, क्षिप्रा, सिन्ध, कृष्णा, नर्मदा के साथ ही तीन महासागरों महानद (गंगासागर), अरब-सागर के साथ ही हिंद-महासागर का जल मंगाया गया था.
बता दें कि विश्वनाथ गली व्यवसायी संघ द्वारा स्व एंव विश्व कल्याणार्थ की कामना से जलाभिषेक के पुर्व 12 नदियों और 3 सागरों के जल को अलग-अलग कलशों में रखकर "नागकेसर" मिश्रित करके वैदिक रिती से पुजन किया गया. शास्त्रार्थ महाविद्यालय के 11 वैदिक छात्रों द्वारा पुजन कराया गया.
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जलाभिषेक के लिये विश्वनाथ गली के व्यापारी सुबह आठ बजे चितरंजन पार्क पर इक्कठा होकर दशाश्वमेध घाट से अपने पात्रों में जल लिया. संघ के अध्यक्ष व साक्षी-विनायक मंदिर के महंत रमेश तिवारी के नेतृत्व में डमरूओं की गड़गड़ाहट और शंख ध्वनि करते हुए व्यापारियों का समुह परंपरागत मार्ग सिंहद्वार (डेढ़सीपुल) से साक्षी-विनायक होते हुए गेट नं.-1 ढुंढिराज गणेश से विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक करने पहुचें. गर्भ-गृह में बाबा का जलाभिषेक के पश्चात व्यापारी अन्नपूर्णा दर्शन करके ढुंढिराज से होकर वापस साक्षी-विनायक पहुंच कर पूजन किया.