Sawan 2022 Shiv Puran Rule: सावन में जानें शिव पुराण से जुड़े कुछ जरूरी नियम, मिलेगा मनचाहा फल
शिव पुराण (shiv puran) में शिव पूजा और शिव पुराण कथा सुनने के कई नियम बताए गए हैं. सावन (sawan 2022) के महीने में शिव पुराण को पढ़ना और सुनना बहुत ही पुण्यदाई होता है. इन्हीं की कथाओं में शिव पुराण के महत्व का वर्णन भी मिलता है.
नई दिल्ली:
शिव पुराण (shiv puran) 18 पुराणों में से एक है. जिसमें भगवान की लीला, कथा और उनकी पूजा विधि के साथ-साथ शिवलिंग की उत्पत्ति और शिव भक्ति से जुड़ी कथाएं हैं. महादेव (mahadev) अपने भक्तों के लिए सुलभता से हमेशा उपलब्ध रहते हैं. वे मात्र फूल-पत्ते चढ़ाने से प्रसन्न हो जाते हैं. महादेव को भोलेनाथ भी कहा जाता है क्योंकि ये किसी में कोई भेद नहीं करते. इसलिए शिव को प्रसन्न (sawan 2022 shiv puran niyam) करने के लिए हम अपने-अपने तरीके से प्रार्थना करते हैं. शिव पुराण में शिव पूजा और शिव पुराण कथा सुनने के कई नियम बताए गए हैं. इसका पाठ कभी भी शुभ मुहूर्त में आयोजन कर सकते हैं. लेकिन, सावन के महीने में शिव पुराण को पढ़ना और सुनना बहुत ही पुण्यदाई होता है. शिव पुराण (sawan 2022 shiv puran rules) में चंचला और उसके पति बिंदुग की कथा मिलती जिन्होंने शिव पुराण के श्रवण से शिवलोक में स्थान पाया. इन्हीं की कथाओं में शिव पुराण के महत्व का वर्णन भी मिलता है. तो, चलिए शिव पुराण से जुड़े कुछ जरूरी नियम (shiv puran puaj rule) जान लें.
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शिव पुराण से जुड़े जरूरी नियम -
शिव पुराण की कथा श्रवण जब तक आप सुन रहे हैं. यानी जितने दिनों तक शिव पुराण की कथा चले तब तक मसूर की दाल, गाजर, बासी भोजन, हींग, लहसुन, प्याज, जला अन्न, सेम और हैवी भोजन के अलावा मांस, मदिरा के सेवन से परहेज (shiv puran katha benefits) रखना चाहिए.
हर दिन शिव पुराण की कथा आरंभ और समाप्त होने पर शिव पुराण की पूजा करनी चाहिए और अगर किसी पंडित से पाठ करवा रहे हों तो उसे प्रणाम करके दान दक्षिणा देना चाहिए.
शिव पुराण में बताया गया है कि जो व्यक्ति बुद्धि भष्ट हो जाने से परस्त्रीगामी हो जाते हैं. उन्हें घोर नरक में जाना पड़ता है जैसा कि चंचला के पति बिन्दुग को नरक भोगन पड़ा था. लेकिन, चंचला ने शिव पुराण के श्रवण से पति को पाप से मुक्ति दिलाई थी.
शिव पुराण की कथा से संतानहीन लोगों की गोद भी शिवजी भरते हैं. गंभीर रोगी, भाग्यहीन व्यक्ति को भी शिव पुराण की कथा से लाभ मिलता है. इसलिए, भक्ति भाव और मन में श्रद्धा रखकर विश्वास के साथ शिव पुराण की कथा का श्रवण करना चाहिए. मन में अविश्वास होने पर फल की प्राप्ति नहीं होती है.
शिव पुराण की कथा सुनने वाले व्यक्ति को उस समय अवधि तक ब्रह्मचर्य का पालन जरूर करना चाहिए जब तक कि कथा का समापन नहीं हो जाए.
शिव पुराण का आयोजन जब भी करें तो संभव हो तो सभी मित्रों कुटुंबों और जो भी इसे सुनने की इच्छा रखते हैं उन्हें इसकी सूचना दें ताकि वह भी इसके श्रवन का लाभ ले पाएं.
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शिव पुराण श्रवण और पाठ का संकल्प लेने वाले को जब तक पूरा पाठ समाप्त न हो जाए एक समय ही भोजन करना चाहिए साथ ही भोजन सात्विक होना चाहिए.
शिव पुराण कथा श्रवण से पहले यह संकल्प करें कि आप ध्यान पूर्वक कथा का श्रवण करेंगे और मन को शिवजी की में लगाए (sawan 2022 shiv puran katha) रखने का प्रयास करेंगे.
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