Lord Jagannath Temple Rahasya: इस रहस्यमयी मंदिर में आंखों पर पट्टी बांधकर पुजारी बदलते हैं मूर्तियां, धड़कता है श्री कृष्ण का दिल
पुरी में भगवान जगन्नाथ (jagannath temple) का मंदिर है. जहां की यात्रा 1 जुलाई (jagannath puri rath yatra date) से ही शुरू हो चुकी है. भारत के 4 पवित्र धामों में से ओडिशा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर (rath yatra is celebrated) एक है.
नई दिल्ली:
भारत को आस्था का केंद्र कहा जाता है. यहां कई रहस्यमई मंदिर है. ऐसा ही एक मंदिर पुरी में भगवान जगन्नाथ (jagannath temple) का भी है. जहां की यात्रा 1 जुलाई (jagannath puri rath yatra date) से ही शुरू हो चुकी है. बता दें कि 1 जुलाई से 12 जुलाई तक भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का कार्यक्रम जारी रहेगा. जान लें कि भारत के 4 पवित्र धामों में से ओडिशा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर (rath yatra is celebrated) एक है. भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में उनकी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र भी शामिल होते हैं. लेकिन, क्या आप भगवान जगन्नाथ के मंदिर (Jagannath puri rath yatra 2022) में कई चौंका देने वाले रहस्यों के बारे में जानते हैं.
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भगवान जगन्नाथ के मंदिर के झंडे का रहस्य -
भगवान जगन्नाथ के मंदिर का झंडा हर शाम को बदला जाता है. माना जाता है कि अगर इस झंडे को नहीं बदला गया तो मंदिर अगले 18 साल के लिए बंद (mandir flag rahasya) हो जाएगा.
आंख पर पट्टी बांधकर पुजारी बदलता है मूर्तियां -
आपको बता दें कि भगवान जगन्नाथ के मंदिर में हर 12 साल बाद भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र की मूर्ति को बदला जाता है. इन मूर्तियों को बदलते समय अंधेरा कर दिया जाता है. एक पुजारी के अलावा किसी को भी मंदिर में घुसने की इजाजत नहीं होती है. मूर्ति बदलते समय पुजारी की आंखों पर पट्टी बंधी होती है.
ब्रह्म पदार्थ का चौंका देने वाला रहस्य -
भगवान जगन्नाथ मंदिर में पुरानी मूर्ति से लेकर नई मूर्ति में एक चीज वैसी की वैसी रहती है जिसका नाम ब्रह्म पदार्थ है. इसको पुरानी मूर्ति से निकालकर नई मूर्ति में डाल दिया जाता है. माना जाता है कि जो ब्रह्म पदार्थ को देखता है उसकी मौत हो जाती है. कई पुजारियों का कहना है कि ब्रह्म पदार्थ पुरानी मूर्ति से नई मूर्ति में डालते समय उछलता हुआ महसूस होता है. छूने में यह खरगोश जैसा लगता है.
मंदिर के ऊपर नहीं उड़ते पक्षी -
भगवान जगन्नाथ के मंदिर के गुंबद पर कभी किसी पक्षी को बैठे हुए नहीं देखा गया है. इस मंदिर के ऊपर से हवाई जहाज के भी उड़ने की मनाही है.
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इस मंदिर में धड़कता है श्री कृष्ण का दिल -
ओड़िशा के पुरी के जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां लकड़ी की हैं. मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने जब देह त्याग किया था तो उनका अंतिम संस्कार हुआ. भगवान श्रीकृष्ण का बाकी शरीर तो पंचतत्व में विलीन हो गया लेकिन उनका हृदय सामान्य और जिंदा रहा. कहा जाता है कि यह दिल आज भी सुरक्षित है और वो भगवान जगन्नाथ की मूर्ति (Astonished story of lord krishna) में धड़कता है.
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