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Kharmas 2023 : इस दिन से लग रहा है खरमास, पूरे 1 माह तक न करें ये शुभ काम

इस साल का पहला खरमास दिनांक 15 मार्च से लगने जा रहा है.

Updated on: 14 Mar 2023, 12:40 PM

highlights

  • जानें कब से शुरु हो रहा है खरमास
  • कौन से शुभ कार्य करने की है मनाही
  • कब होगा खरमास का समापन 

नई दिल्ली :

Kharmas 2023 : इस साल का पहला खरमास दिनांक 15 मार्च से लगने जा रहा है. वहीं साल में दो खरमास लगता है, एक खरमास मार्च और अप्रैल में लगता है और दूसरा खरमास नवंबर या फिर दिसंबर में लगता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, खरमास पहले धनु संक्रांति में लगता है और फिर मीन संक्रांति में लगता है. खरमास के समय कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि खरमास कब से लग रहा है और इसका समापन कब होगा, साथ ही खरमास में कौन-कौन से शुभ काम नहीं करना चाहिए. 

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जानें कब लग रहा है खरमास 
जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेंगे, उस समय से खरमास शुरु हो जाता है. इस साल मीन संक्रांति दिनांक 15 मार्च दिन बुधवार को है. वहीं सूर्य का मीन राशि में गोचर सुबह 06:47 मिनट पर होगा, तब उस समय मीन संक्रांति होगी और फिर उसके बाद से ही खरमास लग जाएंगा. तो इस साल का खरमास दिनांक 15 मार्च से लग रहा है. 

जानें कब होगा खरमास का समापन 
सूर्यदेव 1 माह तक मीन राशि में ही रहेंगे और उसके बाद वह मेष राशि में प्रवेश करेंगे. तब मेष संक्रांति के समय खरमास का समापन हो जाता है. अब इस साल मेष संक्रांति दिनांक 14 अप्रैल दिन शुक्रवार को है और सूर्य का मेष राशि मे प्रवेश दोपहर 03:12 मिनट पर होगा. इसलिए खरमास का समापन दिनांक 14 अप्रैल को दोपहर में हो जाएगा और दिनांक 15 अप्रैल से आप कोई भी शुभ काम कर सकेंगे. 

खरमास के दौरान न करें ये शुभ काम
1. खरमास के दौरान विवाह, सगाई, विदाई और मुंडन जैसे शुभ कार्यक्रम नहीं किया जाता है. 
2. खरमास में नए मकान में गृह प्रवेश भी नहीं करना चाहिए. 
3. खरमास में नएघर का निर्माण या फिर नींव पूजा भी नहीं कराना चाहिए. पहले से अगर आप घर बनवा रहे हैं, तो वो काम आप करवा सकते हैं. 
4. अगर आप नया बिजनेस या फिर नया दुकान खोलने की सोच रहे हैं, तो खरमास के दौरान न करें. 

खरमास के समय सूर्य का प्रभाव कम हो जाता है और जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश कर रहे हैं, तो मीन संक्रांति के समय में गुरु का प्रभाव भी कम हो जाता है. इसलिए यही कारण है कि शुभ काम करने की मनाही होती है. गुरु को ही मांगलिक कार्यों के लिए शुभ फलदायी माना जाता है. अगर इन्हीं का प्रभाव कम हो जाता है, तो शुभ काम ना ही कराना चाहिए.