Advertisment

Kastbhanjan Hanuman Mandir: हनुमान जी से डरकर से यहां शनिदेव ने धारण किया था स्त्री रूप, जानें इस मंदिर की पौराणिक कथा 

Kastbhanjan Hanuman Mandir: कष्टभंजन हनुमान मंदिर गुजरात के बोटाद जिले में भावनगर के पास सारंगपुर नामक स्थान में स्थित है. यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है और हिन्दू धर्म के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है.

author-image
Inna Khosla
एडिट
New Update
Kashtbhanjan Hanuman Mandir

Kastbhanjan Hanuman Mandir( Photo Credit : social media)

Advertisment

Kastbhanjan Hanuman Mandir: कष्टभंजन हनुमान मंदिर, जो श्री कष्टभंजन देव हनुमानजी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, गुजरात के बोटाद जिले में स्थित सारंगपुर नामक स्थान पर स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है. यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है, जिन्हें कष्टभंजन (कष्टों का नाश करने वाला) के नाम से भी जाना जाता है. यह मंदिर स्वामीनारायण संप्रदाय के अंतर्गत आता है और इसकी स्थापना 1905 में संत गोपालानंद स्वामी द्वारा की गई थी. कहा जाता है कि उस समय इस क्षेत्र में भयंकर अकाल पड़ा था. लोगों के खाने-पीने के लाले पड़े थे.  स्थानीय लोगों के आर्थिक और आध्यात्मिक उत्थान हेतु इस मंदिर की स्थापना की गई थी. 

मंदिर का महत्व

यह मंदिर शनिदेव से राहत पाने के लिए प्रसिद्ध है. ऐसा माना जाता है कि यहां दर्शन करने और पूजा-अर्चना करने से शनि ग्रह के दोष दूर होते हैं. मंदिर कष्टों से मुक्ति और मनोकामना पूर्ति के लिए भी जाना जाता है. मंदिर पंचमुखी हनुमान की मूर्ति के लिए जाना जाता है. मंदिर की वास्तुशिल्प शैली दक्षिण भारतीय और गुजराती शैली का मिश्रण है. मंदिर परिसर में शनिदेव, मां दुर्गा, गौरीशंकर, राधा-कृष्ण और संत गोपालानंद स्वामी की भी मूर्तियां स्थापित हैं.

मंदिर में दैनिक आरती और भोग का आयोजन किया जाता है. मंदिर में प्रसाद के रूप में लड्डू और बूंदी वितरित किए जाते हैं. 

कष्टभंजन मंदिर (Kastbhanjan Hanuman Mandir) से जुड़ी शनिदेव की रोचक कथा 

शनिदेव और हनुमान जी के बीच स्त्री रूप धारण करने की घटना सारंगपुर के कष्टभंजन मंदिर से भी जुड़ी है.  यह कथा पौराणिक है और इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. कहा जाता है कि जब हनुमान जी लंका जलाने के लिए गए थे, तब शनिदेव ने रावण की मदद करने का प्रयास किया.  हनुमान जी ने शनिदेव को परास्त कर दिया और उन्हें शाप देने की धमकी दी.  डरकर शनिदेव ने स्त्री रूप धारण कर लिया. हनुमान जी स्त्री रूप देखकर विनम्र हो गए और उन्होंने शनिदेव को क्षमा कर दिया.  

इस घटना के बाद शनिदेव सारंगपुर आकर कष्टभंजन हनुमान मंदिर (Kastbhanjan Hanuman Mandir)  में शरण लेने लगे. मान्यता है कि यहां दर्शन करने और पूजा-अर्चना करने से शनि ग्रह के दोष दूर होते हैं और कष्टों से मुक्ति मिलती है.

यह कथा हमें सिखाती है हमें क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए और दूसरों का सम्मान करना चाहिए. शक्ति का प्रयोग सदैव अच्छे कार्यों के लिए करना चाहिए. कष्टों में भी धैर्य रखना चाहिए और ईश्वर पर भरोसा रखना चाहिए. सारंगपुर का कष्टभंजन हनुमान मंदिर (Kastbhanjan Hanuman Mandir)  न केवल शनिदेव से जुड़ी इस रोचक कथा के लिए जाना जाता है, बल्कि यह आध्यात्मिक शक्ति और मनोकामना पूर्ति का भी केंद्र माना जाता है.

मंदिर तक कैसे पहुंचें

सारंगपुर, गुजरात अहमदाबाद से 110 किलोमीटर और भावनगर से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. सारंगपुर तक बस और ट्रेन द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है. मंदिर सारंगपुर रेलवे स्टेशन और सारंगपुर बस स्टेशन से पैदल दूरी पर स्थित है. अगर आप गुजरात की यात्रा कर रहे हैं, तो सारंगपुर के कष्टभंजन हनुमान मंदिर दर्शन के लिए अवश्य जाएं. 

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

ये भी पढ़ें: दुनिया का सबसे पुराना धर्म कौन सा है? हिंदू धर्म कौन से नंबर पर आता है?

Source : News Nation Bureau

रिलिजन न्यूज Religion News in Hindi Religion Religion News KashtBhanjan Kastbhanjan Hanuman Mandir Shani Dev
Advertisment
Advertisment
Advertisment