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Kalava Upay 2023( Photo Credit : Social Media )
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Kalava Upay 2023( Photo Credit : Social Media )
Kalava Upay 2023 : हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य के समय कलावा का प्रयोग किया जाता है. वहीं देवी-देवताओं को चढ़ाने के सात हाथ में रक्षासुत्र के रूप में बांधा जाता है. ताकि व्यक्ति के जीवन में किसी प्रकार की कोई परेशानी न आए और उसके हाथ से किए हुए सभी कार्य सफल हो. ऐसी मान्यता है कि जिस भी जातक के हाथ में लाल या फिर पीले रंग का कलावा बंधा होता है. उसके ऊपर ईश्वर की कृपा हमेशा बनी रहती है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में हाथ में बंधे जाने वाले पवित्र धागे के बारे में विस्तार से बताएंगे, साथ ही कलावा पहनने के विधि, नियम और उपाय क्या हैं.
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कलावा बांधने के दौरान पढ़ें ये मंत्र
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
जानें क्या है कलावा पहनने का धार्मिक महत्व
हाथ में पहना जाने वाला लाल रंग का कलावा देवी दुर्गा और हनुमान जी की शक्ति को समर्पित है. इसे पहनने से सकारात्मकता बनी रहती है और शुभ फल की भी प्राप्ति होती है.
कलावा से संबंधित करें ये उपाय
अगर तुलसी, शमी, केले, आंवला आदि पौधों को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ कलावा से बांधा जाए, तो व्यक्ति के जीवन से जुड़ी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं और सुख-शांतिज की प्राप्ति होती है.
कलावा बंधवाने के समय इन नियमों का करें पालन
1. पुरुषों को कलावा हमेशा दाएं हाथ में बांधना चाहिए और स्त्री को बाएं हाथ में बांधना चाहिए.
2. कलावा बंधवाते समय सिर पर रुमाल रखें और अगर रुमाल नहीं है, तो एक अपना एक हाथ सिर के ऊपर रखें.
3. कलावा बांधते समय किसी भी व्यक्ति की मुट्ठी बंद होनी चाहिए और अगर संभव हो तो मुट्ठी में कुछ पैसे रख लें और कलावा बंधवाने के बाद जिसने आपको बांधा है, उसे दक्षिणा के स्वरूप में दे देना चाहिए.
4. किसी भी जातक की कलाई में कलावा सिर्फ तीन बार ही बांधना चाहिए.
5. पुराना कलावा उतारने के बाद उसे कहीं भी न रखें. इसे किसी तीर्थ जगह पर जाकर नदी में बहा देना चाहिए या फिर मिट्टी में दबा देना चाहिए.