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Kalashtami 2022 : कालाष्टमी के दिन भूलकर भी न करें ये काम, वरना हो सकता है भयंकर नुकसान !

हिंदू पंचाग के अनुसार कालाष्टमी मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाई जाती है

Updated on: 14 Nov 2022, 03:57 PM

नई दिल्ली:

Kalashtami 2022 : हिंदू पंचाग के अनुसार कालाष्टमी मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाई जाती है. मान्यता हि कि इस दिन कालभैरव की पूजा करने से आप पर कभी कोई संकट नहीं आ सकता है. भगवान भैरव अपने हर भक्त को संकट से बचाते हैं. वहीं पौराणिक कथा के अनुसार बता दें कि जब भगवान शिव को क्रोध आया तब उन्होंने रौद्र रूप लेकर ब्रह्मा जी के पांच सिर में से एक सिर को अलग कर दिया था, तब उनका कालभैरव पड़ गया. ऐसे में हम आपको बताएंगे कि इस अष्टमी तिथि पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, क्या करने से फायदा है और क्या नुकसान है?
 
विनाश से बचने के लिए करें ये उपाय
-भगवान काल भैरव को बेलपत्र के ऊपर कुमकुम और चंदन से 'ऊँ नम: शिवाय' लिखें और उसे शिवलिंग पर चढ़ाएं, ध्यान रहे कि आपका मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए. 
-कहते हैं पीड़ित व्यक्ति शनिवार को काल भैरव की मंगला आरती करें.
-'ॐ कालभैरवाय नम:' का 108 बार ध्यान लगाकर जाप करें.
-काल भैरव की पूजा करने से ग्रह और शत्रु बाधा दोनों से छुटकारा मिलता है. 
- सरसों के तेल का दीपक रोज शनिवार को भगवान भैरव की प्रतिमा के सामने रखें.

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 क्या नहीं करना चाहिए
- काल भैरव की तामसिक पूजा करने से बचें.
-किसी की बुराई करने से बचें.
-खाने के बाद बर्तन में हाथ धोने से बचें. 
-नुकीले चीजों का प्रयोग करने से बचें.
-व्यर्थ खाना छोड़कर अन्न का अपमान ना करें.
-रसोईघर में झाड़ू का प्रयोग ना करें.