Jyeshtha Month 2022: ज्येष्ठ माह के ये अचूक उपाय हैं धन को अपनी ओर खींचने का रामबाण तरीका, मां लक्ष्मी हो जाती हैं तुरंत मेहरबान
Jyeshtha Month 2022: 17 मई 2022 से ज्येष्ठ माह का आरंभ हो चुका है. धर्म शास्त्रों में इस माह का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसे में इस माह में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखकर मां लक्ष्मी की कृपा पाई जा सकती है.
नई दिल्ली :
Jyeshtha Month 2022: 17 मई 2022 से ज्येष्ठ माह का आरंभ हो चुका है. हिंदी कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ का महीना साल का तीसरा महीना होता है. धर्म शास्त्रों में इस माह का विशेष महत्व बताया गया है. ज्येष्ठ माह को जेठ माह के नाम से भी जाना जाता है. इस माह में सूर्य अत्यंत ताकतवर होता है, इसलिए गर्मी भी भयंकर होती है. सूर्य की ज्येष्ठता के कारण ही इस माह को ज्येष्ठ कहा जाता है. ऐसे में ये माह सूर्य देव और हनुमान जी की पूजा उपासना के लिए उत्तम माना गया है. इस माह में सूर्य देव की पूजा से विशेष फल की प्राप्ति होती है. साथ ही भक्तों की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं. इसके अलावा ज्येष्ठ के महीने में पानी से जुड़े व्रत एवं त्योहार मनाए जाते हैं, जिसमें गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2022) और दूसरा निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi Vrat 2022) प्रमुख हैं. इसके अलावा इस माह में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखकर मां लक्ष्मी की कृपा पाई जा सकती है. आइए जानते हैं शुभ फलों की प्राप्ति के लिए ज्येष्ठ माह में किए जाने वाले कुछ कार्यों के बारे में.
ज्येष्ठ माह में करें ये कार्य
- धर्म शास्त्रों के अनुसार, ज्येष्ठ माह में सूर्य निकलने से पहले ही बिस्तर छोड़ देना चाहिए. मान्यता है कि इस माह में अनुशासित जीवनशैली को अपनाना चाहिए. साथ ही सुबह उठकर मां लक्ष्मी का स्मरण करें. ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है, व्यक्ति का मन प्रसन्न रहता है.
- जेठ का महीना गर्मी के हिसाब से सबसे ज्यादा कष्टकारी होता है. सूर्य के रौद्र रूप और गर्म हवाओं की वजह से जीव-जन्तुओं को पानी की कमी महसूस होने लगती है. ऐसे में इस माह में घर के बाहर या छत पर पशु-पक्षियों के लिए पानी पीने की व्यवस्था करें. इससे पशु-पक्षियों की प्यास बुझती है और व्यक्ति का ग्रह दोष समाप्त होता है.
- ज्येष्ठ मास में सुबह उठ कर स्नान आदि करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए. साथ ही पूरे महीने जल दान अवश्य करें. प्यासे लोगों को पानी पिलाएं. लेकिन इस माह जल व्यर्थ करने से बचना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि माना जाता है कि ऐसा करने से कुंडली में वरुण दोष लगता है.
- मान्यता है कि ज्येष्ठ माह में तिल का दानअवश्य करें. इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. साथ ही कई हजार यज्ञों के बराबर फल की प्राप्ति होती है.
- यदि आपका मंगल कमजोर है तो इस ग्रह को मजबूत करने के लिए ज्येष्ठ माह के हर मंगलवार के दिन भगवान हनुमान की विधि-विधान से पूजा करें. इससे आपको हर तरह के कष्टों से भी छुटकारा मिलेगा.
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