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कितना बदल गया मां वैष्‍णो धाम, न पंडितजी तिलक लगा रहे और न ही मिल रहा प्रसाद

माता वैष्णो देवी मंदिर (Shri Mata Vaishno Devi Yatra) के कपाट श्रद्धालु के लिए भले ही खुल गए हैं, लेकिन कोरोना वायरस के काल में सब कुछ बदल गया है. पहले की तरह गुफा में पंडित जी भक्‍तों को टीका नहीं लगा रहे. दूसरी ओर दुकानें अभी भी बंद हैं.

Updated on: 17 Aug 2020, 02:42 PM

नई दिल्ली:

माता वैष्णो देवी मंदिर (Shri Mata Vaishno Devi Yatra) के कपाट श्रद्धालु के लिए भले ही खुल गए हैं, लेकिन कोरोना वायरस (Corona Virus) के काल में सब कुछ बदल गया है. पहले की तरह गुफा में पंडित जी भक्‍तों को टीका नहीं लगा रहे. दूसरी ओर दुकानें अभी भी बंद हैं. भक्‍तों के अनुसार गुफा में पहले पंडित जी बैठते थे, जो भक्‍तों को तिलक लगाकर व पिंडी रूपों के दर्शन कराते थे लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है. संख्‍या कम होने के कारण भक्‍त अब सुकून से माता के दर्शन कर पा रहे हैं. पहले कुछ ही सेकेंड तक माता के दर्शन हो पाते थे.

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कोरोना के खतरे को देखते हुए मंदिर परिसर में मौजूद दुकानें बंद हैं. सफाई का पूरा ध्‍यान रखा जा रहा है. लंगर जरूर चालू हो गए हैं, लेकिन वहां भी सोशल डिस्‍टेंसिंग मेंटेन किया जा रहा है. मंदिर जाने के लिए घोड़ा-खच्‍चर और पिट्ठू की सेवाएं अभी बंद हैं, लेकिन आप हेलीकॉप्‍टर की सेवा ले सकते हैं.

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का कहना है कि कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए 18 मार्च को वैष्णो देवी की यात्रा रोक दी गई थी. अब फिर से इसे खोला गया है तो एहतियातन सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं.

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माता वैष्णो देवी की यात्रा बहाल करने की शर्तों में पहले हफ्ते में रोजाना 2,000 श्रद्धालुओं के दर्शन करने की अनुमति प्रमुख है. इनमें से 1,900 जम्मू-कश्मीर से तो बाकी के 100 लोग अन्य प्रदेशों से होंगे. रेड जोन और जम्मू-कश्मीर से बाहर के लोगों को कोविड-19 जांच करवानी होगी. यात्रा के इच्‍छुक लोगों को ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन करवाना होगा.