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Hanuman Jayanti (Janmotsav) 2022: हनुमान जयंती मनाने से होगा बजरंगबली का घोर अपमान, भूलकर भी न करें ये काम

Hanuman Jayanti (Janmotsav) 2022: संकटमोचक हनुमान हर दुख को हरने वाले हैं. कल यानी कि 16 अप्रैल को उनका जन्‍मोत्‍सव मनाया जाएगा. लेकिन हनुमान जयंती मनाने से आप अनजाने में ही सही पर हनुमान जी का अपमान करेंगे. आइये जानते हैं ऐसा क्यों है.

Updated on: 15 Apr 2022, 10:28 AM

नई दिल्ली :

Hanuman Jayanti (Janmotsav) 2022: हनुमान भक्‍तों को हनुमान जी के जन्‍मोत्‍सव का बेसब्री से इंतजार रहता है. हर साल चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि पर संकटमोचक हनुमान का जन्‍मोत्‍सव मनाया जाता है. इस साल यह तिथि 16 अप्रैल 2022, शनिवार को पड़ रही है. इस दिन देश भर के मंदिरों में धूमधाम से हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा. बजरंगबली के भक्‍त व्रत रखेंगे, उनकी विधि-विधान से पूजा करेंगे. हिंदू धर्म में भगवान हनुमान के जन्‍म का यह दिन बहुत महत्‍वपूर्ण माना गया है. लेकिन हनुमान जयंती मनाने से आप अनजाने में ही सही पर हनुमान जी का अपमान करेंगे. आइये जानते हैं ऐसा क्यों है. 

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जयंती नहीं, जन्‍मोत्‍सव है 
कई लोग भगवान हनुमान की जन्‍मतिथि के इस पर्व को हनुमान जयंती कह रहे हैं, जबकि ऐसा कहना उचित नहीं है. भगवान हनुमान की जन्‍मतिथि के दिन को जन्‍मोत्‍सव कहना चाहिए. साथ ही जयंती और जन्‍मोत्‍सव के फर्क को समझना चाहिए. दरअसल, जयंती शब्‍द का इस्‍तेमाल किसी ऐसे व्‍यक्ति के लिए इस्‍तेमाल किया जाता है, जो अब इस संसार में नहीं है. वहीं भगवान हनुमान की जन्‍मतिथि को लेकर बात करें तो इसके लिए जन्‍मोत्‍सव शब्‍द का ही इस्‍तेमाल होना चाहिए क्‍योंकि कलियुग में केवल श्री राम भक्‍त हनुमान जी ही चिंरजीवी हैं. वे अजर-अमर हैं और आज भी विद्यमान हैं. 

जन्‍मोत्‍सव कहने के लिए करें प्र‍ेरित 
जयंती और जन्‍मोत्‍सव शब्‍द के इस बड़े मूलभूत अंतर को देखते हुए भगवान हनुमान के जन्‍म के पर्व के लिए जन्‍मोत्‍सव शब्‍द का ही इस्‍तेमाल करें. साथ ही अन्‍य लोगों को भी सही शब्‍द कहने के लिए ही प्रेरित करें. इसके अलावा अपने शुभकामना संदेशों में भी हनुमान जन्‍मोत्‍सव का ही इस्‍तेमाल करें.