Gopashtmi 2022 : गौ माता के दर्शन मात्र से ही बनेंगे सारे बिगड़े काम

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाया जाने वाला एक पर्व है गोपाष्टमी. गोपाष्टमी का ये पर्व खास तौर पर गौ पूजन को समर्पित पर्व है, इस दिन गौ माता की मात्र पूजा-अर्चना करने से ही सारे कष्ट दूर हो जाते हैं, और गौ माता बेहद प्रसन्न होती है

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Aarya Pandey
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Gopashtami 2022

Gopashtami 2022( Photo Credit : Social Media)

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाया जाने वाला एक पर्व है गोपाष्टमी. गोपाष्टमी का ये पर्व खास तौर पर गौ पूजन को समर्पित पर्व है, इस दिन गौ माता की मात्र पूजा-अर्चना करने से ही सारे कष्ट दूर हो जाते हैं, और गौ माता बेहद प्रसन्न होती है. जो लोग शाम के समय सभी गायों का पंचोपचार विधि से पूजा करते हैं तो इससे उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है, कहते हैं इस दिन श्यामा गाय को भोजन कराना और भी खास माना जाता है.

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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गोपाष्टमी का महत्त्व
हमारे पौराणिक ग्रंथों में गोमाता को मां की दर्जा दी गई है.जिस तरीके से मां अपने बच्चों की हर सुख-शांति की कामना करती है, उनपर कोई आंच नहीं आने देती है, ठीक उसी प्रकार गौमाता भी अपने सेवा करने वाले भक्तों को कभी दुखी नहीं रख सकती है और इनकी सेवा भाव करने से उनकी हर मनोकामना पूरी करती हैं.यह महापर्व खासकर ब्रजवासी और वैष्णवों के लिए विशेष है,ग्रंथों के अनुसार इस दिन बताया गया है कि कैसे भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी बाल लीलाओं से गौ माता की सेवी की थी, वहीं इसके पीछे एक और कहानी है जिसमें भगवान श्रीकृष्ण ने गौ की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को एक उंगली पर उठा ली थी. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को गौ माता के दूध से बनी कई चीजों का भोग लगाया जाता है.

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जानिए गौ माता से जुड़ी शुभ और पवित्र  बातें-

गौ माता की पूजा-अर्चना करने से कुंडली में अगर आपके कोई दोष है, तो वह समाप्त हो जाएगी.

गौ माता के नेत्र में अगर आप हमेशा दर्शन करेंगे, तो इससे आपके जीवन में बाधा कभी नहीं आएगी.

यदि आपको सपने में हमेशा कुछ बुरा प्रतीत होता है तो गौ माता का नाम लें, इससे बुरे स्वप्न नहीं आएंगे.

वहीं हस्तरेखा में कहा जाता है कि अगर आपकी आयु रेखा टूटी हुई है तो गौ माता का पूजन करें, ऐसा करने से अगर आप पर कोई बाधा उत्पन्न होती है तो वह समाप्त हो जाएगी.

अगर आप पर कोई पितृ दोष है तो गौ सेवा करें, ऐसा करने से अगर पितृ दोष होगा, तो वह हट जाएगा.

ज्योतिषी शास्त्र के अनुसार गोधूली का समय (शाम 5-7 ) मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है. इस समय कार्य प्रारंभ करने से सभी कार्य सफलतापूर्वक होते हैं. 

Source : News Nation Bureau

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