/newsnation/media/post_attachments/images/2022/10/31/1-1517991497-41.jpg)
Gopashtmi 2022( Photo Credit : Social Media)
नवंबर का महीना विशेष रुप से मांगलिक कार्यों के लिहाज से बेहद शुभ है. इस महीने में कई ऐसे पर्व हैं जो गृह-नक्षत्र के विषय में परिवर्तनशील साबित हो सकते हैं, वहीं नवंबर का पहला दिन गोपाष्टमी जैसे शुभ पर्व के साथ शुरू होने जा रहा है. गौअष्टमी का ये पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाया जाने वाला पर्व है. इस पर्व में खासकर गौ माता की पूजा करने का विधि विधान है. गोपाष्टमी के इस पर्व में मान्यता है कि इस दिन गौ माता की पूजा करने से सारे देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है.सभी देवी-देवता गौ पूजन से बेहद प्रसन्न होते हैं.
कब है गोपाष्टमी तिथि और शुभ मुहूर्त-
गोपाष्टमी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाया जाने वाला पर्व है, गोपाष्टमी का शुभ मुहूर्त 1 नवंबर यानी की मंगलवार को रात 11 बजकर 3 मिनट तक रहेगा. इस मुहूर्त में गौ माता की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ करने से सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है.
क्या है गोपाष्टमी पूजा की विधि-
गोपाष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त ( सुबह 4-5 बजे का समय ) पहला स्नान करें, उसके बाद शुद्ध,साफ वस्त्र धारण करें,इसके बाद गाय या फिर गाय के बछड़े को माला पहनाकर तिलक करें. इसके बाद गौ माता को धूप और घी के दीपक से आरती करें और अपने हाथों से भोजन कराएं, फिर गौ माता के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें. मान्यता है कि इस दिन गौ माता को गुड़ का भोग लगाना चाहिए, इससे सूर्य दोष समाप्त हो जाता है.
गोपाष्टमी पर करें इस मंत्र का जाप-
सुरभि त्वं जगन्मातर्देवी विष्णुपदे स्थिता, सर्वदेवमये ग्रासं मया दत्तमिमं ग्रस, तत: सर्वमये देवि सर्वदेवैरलड्कृते, मातर्ममाभिलाषितं सफलं कुरु नन्दिनी इस मंत्र का जाप करने से आपके जीवन में आपको कभी कोई दोष नहीं लगेगा.
HIGHLIGHTS
- गोपाष्टमी तिथि, शुभ मुहूर्त
- गोपाष्टमी पूजा की विधि
- गोपाष्टमी पर करें इस मंत्र का जाप
Source : News Nation Bureau