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Geeta Jayanti 2022 : अर्जुन के अलावा महाभारत के इन तीन पात्रों ने सुना था गीता उपदेश

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जयंती मनाने का विशेष महत्त्व है

Updated on: 24 Nov 2022, 03:51 PM

नई दिल्ली :

Geeta Jayanti 2022 : मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जयंती मनाने का विशेष महत्त्व है. इस दिन मोक्षदा एकादशी का व्रत भी किया जाता है, इस बार गीता जयंती 3 दिसंबर को मनाई जाएगी, मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अर्जून का मोह भंग करने के लिए भगवत गीता का उपदेश दिया था, इसलिए इस दिन को गीता जयंती के नाम से भी जाना जाता है. तो ऐसे में आइए जानते हैं गीता जयंती की पूरी कहानी क्या है, अर्जुन के अलावा किसने सुनी थी गीता उपदेश?

क्यों मनाई जाती है गीता जयंती
गीता की कहानी हमें महाभारत काल से सुनने को मिलती है.आपको बता दें, कुरुक्षेत्र के मैदान में जब कौरव और पांडवों के बीच लड़ाई चल रही थी, तब अर्जुन मोह माया में थे, उनके दिमाग में ये चल रहा था कि मैं अपने ही परिवार वालों के साथ युद्ध कैसे कर सकते हूं. जिनसे मैं लड़ाई करने जा रहा हूं, उसमें से कुछ भेरे भाई, कुछ मेरे गुरु हैं और यही सब देखते हुए अर्जुन भाव-विभोर होकर अपने अस्त्र-शस्त्र त्याग दिए.तब उस समय भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को भाव-विभोर होने से बचाने के लिए गीता का उपदेश दिया था. भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को कर्म और धर्म से जुड़ी सारी सच्चाई का विवरण दिया था. जैसा कि हम सभी जानते ही हैं कि जब भगवान श्रीकृष्ण ने जब अर्जुन को गीता उपदेश दिया था, तब भगवान श्रीकृष्ण ने विराट रुप धारण किया था.
वहीं आपको बता दें श्रीमदभगवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र के मैदान में जीवन का सार बताया था. भगवत गीता में कुल 18 अध्याय है और 700 छंद है.

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अर्जुन के अलावा किसने सुना गीता का उपदेश
भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश जब अर्जुन को सुनाया था, तब इसके अलावा धृतराष्ट्र और संजय ने भी गीता उपदेश सुनी थी. वहीं सूर्य देवता ने भी गीता का ज्ञान प्राप्त किया था.