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फिर आने का वादा कर बप्पा लेंगे विदा, जानें गणेश विसर्जन के नियम

भाद्र शुक्ल चतुर्थी से गणेश पूजन आरंभ करके चतुर्दशी तिथि को गणपति के विसर्जन का विधान शास्त्रों में बताया गया है.

Updated on: 19 Sep 2021, 06:46 AM

नई दिल्ली :

Ganesh Visarjan Puja Vidhi: 10 दिन रहने के बाद भगवान गणेश विदा होने वाले हैं. आज बप्पा अगले साल फिर आने का वादा कर और हमें आशीर्वाद देकर जाने वाले हैं. अनंत चतुर्दशी के दिन विधि विधान से बप्पा मौर्या को हम विदा करते हैं. भाद्र शुक्ल चतुर्थी से गणेश पूजन आरंभ करके चतुर्दशी तिथि को गणपति के विसर्जन का विधान शास्त्रों में बताया गया है. विनायक की विदाई बहुत ही आनंदपूर्वक और शुभ विधि विधान से करने की परंपरा रही है. गणेशजी जाते-जाते अपना आशीर्वाद बरसा के जाते हैं. घर में शुभ और लाभ देकर जाए इसलिए विसर्जन के दौरान कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए.

गणेश विसर्जन पूजा विधि, गणेश विदा करने के नियम

गणेश विसर्जन अनंत चतुर्दशी के मौके पर किया जाता है.
विसर्जन से पहले गणेश भगवान की विधिपूर्क पूजा करें. 
गजानन को मोदक, गुड़, चूड़ा, केला, नारियल, पान और सुपारी अर्पित करें. 
गणपति की पूजा के बाद इनकी आरती भी करें और क्षमा प्रार्थना करें. 
गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करें और प्रार्थना करें. 
गणेशजी को नवीन वस्त्र पहनाकर उसमें पंचमेवा, जीरा, सुपारी और कुछ धन बांध दें. 
इसके बाद हवन करें. हवन में जीरा और काली मिर्च डालकर हवन करें. यह धनदायक होता है.
गणेशजी से श्रद्धा पूर्वक अपने स्थान को विदा होने की प्रार्थना करें.

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इसके बाद गणेशजी की प्रतिमा को प्रणाम करके फिर आज्ञा लेकर श्रद्धापूर्वक उन्हें उठाएं.
गणपति भगवान को तालाब, नदी या फिर घर के आंगन में ही कुंड  बनाकर विसर्जित कर दें.
विसर्जन के समय गणपति का मुख सामने की ओर होना चाहिए. आगे मुख करके विसर्जन न करें.
बप्पा के जयकार के साथ यह प्रार्थना करें कि अगले बरस जल्दी आना.

आज अनंत चतुर्दशी भी है. पूरे देश में इस भी धूमधाम से मनाया जाता है. आज भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है. अनंत रूपी धागा पूजा के बाद बाजू पर बांधे जाते हैं.