/newsnation/media/media_files/2025/08/25/lalbaugcha-raja-2025-08-25-17-28-05.jpg)
lalbaugcha raja
GaneshChaturthi 2025: भूरे भारत में गणेश उत्सव का त्योहार 27 अगस्त से शुरू हो रहा है. इस अवसर पर लालबागचा राजा सबसे प्रसिद्ध गणेश मंडल में से एक है. गणेश उत्सव के दौरान दुनिया भर से लाखों भक्त लालबागचा राजा के दर्शन के लिए आते हैं. चिंचपोकली के कार्यकर्ताओं द्वारा 1934 में स्थापित लालबागचा राजा, भक्तों को आशीर्वाद देने वाले गणपति के रूप में जाने जाते हैं. आइए आपको दिखाते हैं कि 1934 से लेकर 2025 तक बप्पा कितने बदल गए हैं.
1934
बता दें कि लालबागचा राजा को पहली बार 1934 में स्थापित किया था. वहीं उनकी पहली झलक की बात करें तो यह मूर्ति काफी हद तक श्रीहरि विष्णु की तरह नजर आ रही है.
1944
साल 1944 में भगवान गणेश में राजा के स्वरूप में नजर आए थे. इस फोटो में उनके हाथों में गदा और चक्र है. श्री गणेश सिंहासन पर बैठे नजर आ रहे हैं.
1954
साल 1954 में लालबागचा राजा साधु के वेश में नजर आए थे. साधु के वस्त्र और रुद्राक्ष के आभूषण पहने श्री गणेश का यह स्वरूप काफी मनमोहक लग रहा है.
1964
साल 1964 में गणेश के पंडाल की फोटो में भारत की सियासत और महाभारत का रणक्षेत्र नजर आ रहा है. इसके साथ ही बप्पा हाथों में गदा और चक्र लिए नजर आ रहे हैं.
1974
साल 1974 की तस्वीरों मं मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की झलक देखने को मिल रहा है. इसमें भी बप्पा गदा और चक्र लिए नजर आ रहे हैं.
1985
साल 1985 में बप्पा की मूर्ति रंगीन नजर आने लगी. इसी के साथ बप्पा अपने सिंहासन पर गदा लिए बैठे नजर आ रहे हैं.
1994
इस साल बैठे गणेश जी चार भुजाओं में गदा और चक्र लिए नजर आ रहे हैं. अपने सिंहासन पर विराजमान बप्पा सच में लालबाग के राजा लग रहे हैं.
2004
साल 2004 में स्थापिक उनकी इस मूर्ति में बप्पा के स्वरूप और श्रृंगार की झलक दिखने लगी.
2014
साल 2014 में लालबागचा राजा का स्वरूप पूरी तरह बदल गया और इसमें तकनीक के साथ ही आधुनिकता भी झलकने लगी. इस साल विराजमान बप्पा की मूर्ति में भगवान हाथों में चक्र की जगह फरसा लिए नजर आ रहे हैं.
2015
2015 में लालबागचा राजा की थीम "काँच का महल" थी, जिसे काँच के गुंबद से अलौकिक रूप दिया गया था.
2016
2016 में 'गणपति बप्पा, मोरया' थीम पर मंडप बनाया गया था. यह गणेशोत्सव की ऐतिहासिक परंपरा को दर्शाता है. 2016 में लालबागचा राजा उल्लू पर सवार होकर आए थे.
ये भी पढ़ें-Ganesh Chaturthi 2025: कौन हैं लालबागचा राजा? जानिए क्यों है इतनी मान्यता
2017
2017 में लालबाग के राजा को रंग-बिरंगी पोशाकों में सजाकर भव्य सिंहासन पर बैठाया गया था. उनका यह स्वरूप भक्तों की सभी इच्छाओं की पूर्ति करता है.
2018
2018 में लालबागचा राजा गणेशोत्सव पंडाल की थीम 'पर्यावरण के अनुकूल' थी. 2018 के लुक में 3D इफेक्ट्स का इस्तेमाल किया गया था, जिससे भक्तों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश मिला.
2019
2019 में लालबाग के राजा का पंडाल अंतरिक्ष की थीम पर सजाया गया था. यह पंडाल चंद्रयान 2 के मिशन से प्रेरित था.
2020
कोरोना महामारी के कारण, 2020 में लालबागचा राजा सर्वजीवन गणेशोत्सव मंडल ने हमेशा की तरह उत्सव मनाने के बजाय, 'स्वास्थ्य उत्सव' यानी 10 दिवसीय रक्तदान शिविर का आयोजन किया.
2021
यह लालबाग के राजा का साल 2021 अवतार था. इस साल बप्पा को शेषनाग पर विराजमान किया गया था.
2022
2022 में लालबागचा राजा की थीम अयोध्या के राम मंदिर पर आधारित थी. प्रसिद्ध कला निर्देशक नितिन चंद्रकांत देसाई ने राजा के पंडाल को सजाया.
2023
2023 के लालबागचा राजा की थीम छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक समारोह पर आधारित थी और इसे इस थीम के कला निर्देशक नितिन देसाई ने डिज़ाइन किया था.
2024
इस साल लालबागचा राजा में स्थापित भगवान गणेश गदा और फरसा के साथ हाथों में चक्र लिए भी नजर आए.
2025
इस साल लालबागचा राजा हाथ में चक्र, सिर पर आकर्षक मुकुट और मैरून रंग की धोती में नजर आए. वहीं इस साल मंडप को भगवान तिरुपति बालाजी की थीम पर सजाया गया है.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्मसेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)