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lalbaugcha raja
Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी के दौरान मुबंई जैसे बड़े शहर में भगवान गणेश की उपासना लालबागचा राजा के रूप में होती है. गणेशोत्सव के दौरान पूरे देशभर से लोग लालबाग पहुंचते हैं, ताकि बप्पा के इस रूप के दर्शन कर सकें. मान्यता है कि यहां आकर जो भी मनोकामना मांगी जाती है वो पूरी होती है. इसी कारण उन्हें 'मनोकामना पूरी करने वाले राजा' के नाम से भी जाना जाता है. गणेश चतुर्थी, जो हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. इस साल गणेश चतुर्थी 27 अगस्त को मनाई जाएगी. 10 दिवसीय गणेश महोत्सव देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. आइए आपको लालभागचा राजा के बारे में बताते हैं.
कैसे हुई शुरुआत
दरअसल, इस गणेशोत्सव की शुरुआत 1934 में हुई थी. उस समय मुंबई के लालबाग इलाका मछुआरों की बस्ती हुआ करती थी. यहां के लोग लंबे समय से स्थायी बाजार की मांग कर रहे थे. लेकिन वो मांग पूरी नहीं हो पा रही थी. काफी कोशिशों के बावजूद उन्हें स्थायी बाजार नहीं मिला. तब वहां के लोगों ने अपनी आस्था को एक जगह केंद्रित करने का निश्चय किया. इन्हीं कामगारों और स्थानीय लोगों ने मिलकर गणेशोत्सव की स्थापना की और पहली बार यहां गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित की गई.
उस समय में यह गणेशोत्सव लोगों की एकजुटता और संघर्ष का प्रतीक बन गया. क्योंकि बाजार की मांग पूरी न होने के बाद भी लोगों ने हार नहीं मानी और गणपति बप्पा के चरणों में अपनी आस्था रख दी. धीरे-धीरे यहां के गणेशोत्सव की लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि पूरे मुंबई में यह 'लालबागचा राजा' के नाम से प्रसिद्ध हो गया.
हर इच्छा पूरी
कहते हैं कि लालबागचा राजा सिर्फ एक पंडाल का उत्सव नहीं, बल्कि आस्था, विश्वास और एकता का प्रतीक भी है. यहां हर साल लाखों लोग बप्पा से अपनी मनोकामना का आशीर्वाद मांगने आते हैं. यही वजह है कि गणपति बप्पा का यह स्वरूप 'लालबागचा राजा' कहलाता है. इसलिए लालबागचा राजा को नवसाचा गणपति और मन्नत का राजा भी कहा जाता है.
क्यों इतने खास हैं लालबागचा राजा
गणेश उत्सव के दौरान दस दिनों तक चलने वाला उत्सव में ' लालबागचा राजा' का उत्सव पूरे मुंबई को भक्ति और उत्साह के रंग में रंग देता है. गणेश विसर्जन तक ये माहौल और भी भव्य हो जाता है. लोग मानते हैं कि लालबागचा राजा सिर्फ एक प्रतिमा नहीं बल्कि उनके विश्वास और उम्मीदों का सच्चा रूप हैं. यही कारण है कि ये पंडाल हर साल करोड़ों दिलों में अपनी जगह बनाता है और दुनिया भर में 'मन्नतों के राजा' के रूप में प्रसिद्ध है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)