Longest Kanwar Yatra: सावन का महीना आते ही पूरे भारत में शिवभक्ति की लहर दौड़ पड़ती है. भगवान शिव की आराधना के इस पावन महीने में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व होता है. श्रद्धालु दूर-दूर से पवित्र नदियों से जल लेकर पैदल यात्रा करते हैं और उसे भगवान शिव को अर्पित करते हैं. हर साल लाखों शिवभक्त इन यात्राओं में हिस्सा लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश की सबसे लंबी कांवड़ यात्राएं कौन-कौन सी हैं? आइए जानते हैं ऐसी ही 4 प्रमुख और लंबी कांवड़ यात्राओं के बारे में.
1. गंगोत्री से रामेश्वरम कांवड़ यात्रा – 3000+ किमी
यह देश की सबसे लंबी और कठिन कांवड़ यात्रा मानी जाती है. इसमें शिवभक्त उत्तराखंड की गंगोत्री से गंगाजल लेकर दक्षिण भारत के तमिलनाडु में स्थित रामेश्वरम के प्रसिद्ध शिव मंदिर में जल चढ़ाते हैं. करीब 3,000 किमी से अधिक लंबी इस यात्रा को पूरा करने में कई महीनों का समय लगता है. मान्यता है कि एक पुजारी ने यह यात्रा 9 महीने में पूरी की थी.
2. हरिद्वार से देवघर कांवड़ यात्रा – 1300 किमी
हरिद्वार से झारखंड के देवघर स्थित बैद्यनाथ धाम तक की यह यात्रा भारत की दूसरी सबसे लंबी कांवड़ यात्रा मानी जाती है. श्रद्धालु गंगा नदी से जल भरकर लगभग 1300 किमी की दूरी तय करते हैं और भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं. इस यात्रा में शामिल होने वाले भक्तों की संख्या सीमित होती है, लेकिन आस्था असीम होती है.
3. सुल्तानगंज से बैद्यनाथ धाम कांवड़ यात्रा – 119 किमी
बिहार के सुल्तानगंज से झारखंड के देवघर तक की यह यात्रा बेहद लोकप्रिय है. करीब 119 किमी लंबी इस यात्रा को भक्त आमतौर पर दो दिन में पूरा करते हैं. लाखों की संख्या में श्रद्धालु इस मार्ग पर निकलते हैं. बैद्यनाथ धाम को भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में गिना जाता है.
4. गंगोत्री से ऋषिकेश कांवड़ यात्रा – 258 किमी
यह यात्रा भी शिवभक्तों के लिए खास है. गंगोत्री से जल भरकर श्रद्धालु उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर तक पैदल यात्रा करते हैं. करीब 258 किमी लंबी यह यात्रा 4-5 दिनों में पूरी होती है और इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं.
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