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Pitru Paksha 2023: पितृपक्ष का हर दिन होता है खास, जानें किस दिन क्या आशीर्वाद मिलता है

Pitru Paksha 2023: पितृपक्ष शुुरु होने वाले हैं. हर दिन एक खास आशीर्वाद प्राप्त होता हैृ. किस दिन श्राद्ध करने से क्या फल मिलता है आइए जानते हैं.

Updated on: 27 Sep 2023, 04:44 PM

New Delhi :

Pitru Paksha 2023: 29 सितंबर 2023 से पितृ पक्ष की शुरुआज हो रही है ये 14 अक्टूबर तक चलेंगे. इस दौरान किसी भी शुभ काम को करने की मनाही होती है. लेकिन पितृ पक्ष का हर श्राद्ध खास होता है. हर दिन के श्राद्ध का खास महत्त्व होता है. श्राद्ध के हर दिन एक खास आशीर्वाद मिलता है, जैसे पहला श्राद्ध करने से आपको क्या फल मिलेगा से लेकर तेरवें श्राद्ध को करने वाले को क्या मिलेगा इस बारे में भी हमारे शास्त्रों में लिखा गया है. 

- जो पूर्णमासी के दिन श्राद्धादि करता है उसकी बुद्धि, पुष्टि, स्मरणशक्ति, धारणाशक्ति, पुत्र-पौत्रादि एवं ऐश्वर्य की वृद्धि होती। वह पर्व का पूर्ण फल भोगता है।

- प्रतिपदा धन-सम्पत्ति के लिए होती है एवं श्राद्ध करनेवाले की प्राप्त वस्तु नष्ट नहीं होती.

- द्वितीया को श्राद्ध करने वाला व्यक्ति राजा होता है.

- उत्तम अर्थ की प्राप्ति के अभिलाषी को तृतीया विहित है, यानी ऐसे लोगों को तीसरे दिन श्राद्ध करना चाहिए. 

- चतुर्थी शत्रुओं का नाश करने वाली और पाप नाशिनी है. इस दिन श्राद्ध करने से शत्रुओं का भी नाश होता है. पितरों के आशीर्वाद से कोई संकट नहीं आता. 

- पंचमी तिथि को श्राद्ध करने वाला उत्तम लक्ष्मी की प्राप्ति करता है. आर्थिक स्थिति को और मजबूत करने के लिए इस दिन का श्राद्ध भी कुछ लोग करते हैं. 

- जो षष्ठी तिथि को श्राद्धकर्म संपन्न करता है उसकी पूजा देवता लोग करते हैं. घर परिवार में शांति आती है और पितरों का पूर्ण आशीर्वाद मिलता है. 

- जो सप्तमी को श्राद्धादि करता है उसको महान यज्ञों के पुण्यफल प्राप्त होते हैं और वह गणों का स्वामी होता है.

- जो अष्टमी को श्राद्ध करता है वह सम्पूर्ण समृद्धियां प्राप्त करता है. 

- नवमी तिथि को श्राद्ध करने वाला प्रचुर ऐश्वर्य एवं मन के अनुसार अनुकूल चलने वाली स्त्री को प्राप्त करता है.

- दशमी तिथि को श्राद्ध करने वाला मनुष्य ब्रह्मत्व की लक्ष्मी प्राप्त करता है. 

- एकादशी का श्राद्ध सर्वश्रेष्ठ दान है. वह समस्त वेदों का ज्ञान प्राप्त कराता है. उसके सम्पूर्ण पापकर्मों का विनाश हो जाता है तथा उसे निरंतर ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.

- द्वादशी तिथि के श्राद्ध से राष्ट्र का कल्याण तथा प्रचुर अन्न की प्राप्ति के बारे में शास्त्रों में लिखा गया है.

- त्रयोदशी के श्राद्ध से बुद्धि, धारणा शक्ति, स्वतंत्रता, उत्तम पुष्टि, दीर्घायु और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. 

- हिंदू धर्म में पितरों की शांति के लिए उनके निधन तिथि के अनुसार श्राद्ध तर्पण जरुर करना चाहिए. इन दिनों किसी भी शुभ काम को करने से बचना भी चाहिए.