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लखनऊ में नहीं दिखा चांद, सउदी अरब में ईद आज, जानें भारत में कब

भारत में बुधवार को चांद का दीदार नहीं हुआ, आज चांद नहीं दिखने की वजह से ईद 14 मई का त्योहार मनाई जाएगा जाएगा. लखनऊ में अभी तक ईद का चांद नहीं दिखा है, इसलिए वहां कल 30वां रोजा रखा जाएगा.

Updated on: 12 May 2021, 11:10 PM

highlights

  • भारत में बुधवार को चांद का दीदार नहीं हुआ
  • चांद नहीं दिखने की वजह से ईद 14 मई का त्योहार मनाया जाएगा
  • रमजान के पाक महीने की शुरुआत चांद के देखने से होता है

 

नई दिल्ली:

भारत में बुधवार को चांद का दीदार नहीं हुआ, आज चांद नहीं दिखने की वजह से ईद 14 मई का त्योहार मनाया जाएगा. लखनऊ में अभी तक ईद का चांद नहीं दिखा है, इसलिए वहां कल 30वां रोजा रखा जाएगा. ईदगाह मैदान पर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली और दूसरे मौलाना चांद देखने का इंतजार करते रहे, चांद नहीं दिखाई दिया, चांद नहीं दिखाई देने की वजह से ईद 14 मई को मनाने का ऐलान हुआ. दरअसल, इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान के बाद शव्वाल के बाद चांद दिखने के बाद को ईद-उल-फितर त्योहार मानाया जाता है. भारत में सउदी अरब के चांद दिखने के दूसरे दिन बाद ही  ईद मनाई जाती है. मंगलवार को सउदी अरब में लोग चांद का दीदार करते रह गए, लेकिन चांद का दीदार न हो पाया. इसलिए वहां 13 मई को ईद मनाई जाएगी.

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रमजान के पाक महीने की शुरुआत चांद के देखने से होता है

दरअसल, रमजान के पाक महीने की शुरुआत चांद के देखने से होता है और ये चांद के निकलने से खत्म होता है. रमजान के 29 या 30 दिनों के बाद ईद का चांद दिखता है. 13 मई को रमजान के 30 रोजे खत्म हो रहे हैं. ईद-उल-फितर को मीठी ईद भी कहा जाता है. इस दिन लोग सुबह नए कपड़े पहनकर नमाज पढ़ते हैं. ईद-उल-फितर के बाद ईद उल जुहा का त्योहार मनाया जाता है.

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पैगंबर मुहम्मद साहब के नेतृत्व में जंग-ए-बद्र में मुसलमानों की जीत हुई थी

मान्यताओं के अनुसार, पैगंबर मुहम्मद साहब के नेतृत्व में जंग-ए-बद्र में मुसलमानों की जीत हुई थी. जीत की खुशी में लोगों ने ईद मनाई थी और घरों में मीठे पकवान बनाए गए थे. इस प्रकार से ईद-उल-फितर त्योहार का प्रारंभ जंग-ए-बद्र के बाद से ही हुआ था. ईद-उल-फितर के दिन लोग अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं. उनका मानना है कि उनकी ही रहमत से वे पूरे एक माह तक रमजान का उपवास रख पाते हैं. आज के दिन लोग अपनी कमाई का कुछ हिस्सा गरीबों में बांट देते हैं. उनको उपहार में कपड़े, मिठाई और भोजन देते हैं.