Magh Purnima 2025: हिंदू धर्म में माघी पूर्णिमा अत्यंत शुभ तिथि मानी जाती है. इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य, व्रत और पूजा-पाठ करने का विशेष महत्व होता है. माघ मास की पूर्णिमा तिथि को किए गए धार्मिक कार्यों से विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है. इस दिन देवताओं का आह्वान करके जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की कामना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भी लोग माघी पुर्णिमा तिथि पर ये 5 कार्य करते हैं उन पर देवी लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है. घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती और आर्थिक स्थिति भी मजबूत बनती है.
माघी पूर्णिमा के दिन क्या करें?
गंगा स्नान करें
शास्त्रों के अनुसार, इस दिन गंगा, यमुना, सरस्वती के संगम या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसका वैज्ञानिक कारण भी है. माघ महीने में ठंड होती है, और इस समय नदी में स्नान करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. ठंडे पानी से स्नान करने से रक्त संचार बेहतर होता है और मन शांत रहता है.
सूर्य देव को अर्घ्य दें
माघ पूर्णिमा पर सूर्योदय के समय सूर्य देव को जल अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है. इससे धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का वरदान मिलता है. सूर्य को जल देने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और सकारात्मकता बढ़ती है. इससे मानसिक तनाव भी कम होता है.
व्रत और पूजा करें
इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है. माघी पूर्णिमा पर व्रत रखने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. व्रत रखने से पाचन तंत्र को आराम मिलता है और शरीर को डिटॉक्स करने में सहायता मिलती है.
दान-पुण्य करें
दान को माघी पूर्णिमा पर किए जाने वाले सबसे शुभ कार्यों में गिना जाता है. इस दिन अन्न, वस्त्र, तिल, गुड़, कम्बल, घी और जरूरतमंदों को भोजन कराने से पुण्य मिलता है. दान करने से मानसिक शांति मिलती है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है. साथ ही, जरूरतमंदों की सहायता करने से समाज में समानता बनी रहती है.
हवन और मंत्र जाप करें
माघी पूर्णिमा के दिन हवन करने और "ॐ नमः नारायणाय" मंत्र का जाप करने से पवित्रता और सकारात्मकता आती है. हवन करने से वायु शुद्ध होती है, जिससे पर्यावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)